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एक जादुई घर
शशि गुप्ता एक दिन एक लेखक की पत्नी ने उससे कहा कि तुम बहुत किताबें लिखते हो। आज मेरे लिए कुछ लिखो तो फिर मुझे विश्वास होगा कि तुम सच में...
Rachnakunj .
Oct 27, 20232 min read


एक गृहणी
पराग त्रिपाठी एक गृहणी वो रोज़ाना की तरह आज फिर ईश्वर का नाम लेकर उठी थी। किचन में आई और चूल्हे पर चाय का पानी चढ़ाया। फिर बच्चों को नींद...
Rachnakunj .
Aug 28, 20233 min read


प्यास सच्ची गिलास झूठा
विजया डालमिया अब मुझे तुम पर विश्वास नहीं रहा...छला है तुमने मुझे ....कहकर तेजी से सुमि रूम की तरफ बढ़ चली। प्लीज सुमि .... प्लीज .. मेरी...
Rachnakunj .
Aug 17, 20232 min read


हम तुम और वो
अगम प्रसाद श्रीवास्तव मैंने कभी ये सोचा भी नही था, कि इतने लंबे अंतराल के बाद वह अचानक मेरे सामने आ खड़ी होगी। मैं कुछ देर अपने आप को...
Rachnakunj .
Aug 14, 20237 min read


पहला मानसून
एम.एस.ठाकरे आज खरीददारी करने मार्केट गई थी। सराफा से निकली तो मुझे अकेला पाकर उसने मुझे आवाज दे दी। मयूरी ,,,,,मयूरी , रुक जाओ ... मैं तो...
Rachnakunj .
Aug 9, 20233 min read


आधार
प्रेमचंद सारे गॉँव में मथुरा का सा गठीला जवान न था। कोई बीस बरस की उमर थी। मसें भीग रही थी। गउएं चराता, दूध पीता, कसरत करता, कुश्ती लडता...
Rachnakunj .
Aug 7, 20238 min read


हृदय का स्पंदन
राजीव लोचन यह उस ज़माने की बात है, जब लड़के-लड़की की शादी उनके माता-पिता या बड़े भाई-बहन तय कर देते थे। आज के ज़माने की तरह लड़का-लड़की न तो एक...
Rachnakunj .
Aug 7, 20232 min read


अधूरी कहानी
समीर उपाध्याय अक्षत और आभा दोनों कॉलेज में साथ पढ़ते थे। दोनों के बीच प्रेम के अंकुर फूटे। दोनों ने जीवन भर एक दूसरे का साथ निभाने की...
Rachnakunj .
Aug 1, 20232 min read


घर वापसी
लक्ष्मी कांत कम्पनी से ऑप्शन फॉर्म आया हुआ था। कम्पनी जानना चाहती थी कि मुझे अभी और कम्पनी में बने रहना है या फिर वीज़ा फिनिश कर देश वापस...
Rachnakunj .
Jul 25, 20233 min read


रिश्ता
लक्ष्मी रोज की तरह रात में अपना लेपटॉप लिए बिरजू बिस्तर के एक ओर बैठकर अपने आफिस के काम में व्यस्त था। बिस्तर के दूसरी ओर उसकी पत्नी सुधा...
Rachnakunj .
Jul 13, 20233 min read


डोर
“नंदिता! प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भरे कि नहीं? फॉर्म पास है या ले आऊँ?" “ग्रेजुएशन के बाद से ही किसी बड़े व्यवसाई घराने में ब्याह हो...
Rachnakunj .
Apr 30, 20232 min read


एक कहानी, अपनी भी
डॉ. कृष्ण कांत श्रीवास्तव आज कल्पना की शादी पक्की हो जाती है। लड़का भी सरकारी बैंक में अच्छे पद पर है। भावनाओं के सागर में हिचकोले लेती...
Rachnakunj .
Mar 22, 20234 min read


लक्ष्मण रेखा
"मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरूडध्वज, मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि!!" हॉल में पंडित जी के पवित्र वेद मंत्रों की ध्वनि गूँज रही थी ।...
Rachnakunj .
Feb 7, 20236 min read


एक लड़की पहेली सी
टाइपिंग कोचिंग सेंटर में विजय का पहला दिन था। वह अपनी सीट पर बैठा टाइप सीखने के लिए नियमावली पुस्तिका पढ़ रहा था। तभी उसकी निगाह अपने...
Rachnakunj .
Jan 1, 202311 min read


ठिठकी हुई धूप
वह बारजे पर आई तो उसकी नजर छज्जे पर ठिठक कर बैठे धूप के टुकड़े पर पड़ी। वह किसी भी पल फिसल जाने को आतुर था। ठीक उसके जीवन की खुशियों...
Rachnakunj .
Dec 30, 202210 min read


पूर्णत्व
शिवम् की शादी की उम्र बीती जा रही थी। मां उसे समझाती- "बेटे, स्त्री घर की ऊर्जा होती है। उसके बिना पुरुष के लिए अकेले जीवन बिताना बहुत ही...
Rachnakunj .
Dec 29, 20222 min read


एक हमसफर ....
प्रतापगढ़ से लालगंज का सफर बहुत कष्टदायक था। मेटाडोर यात्रियों से खचाखच भरी थी और तेज ठंड में भी उमस और उलझन महसूस हो रही थी। हर तरह की...
Rachnakunj .
Dec 27, 20227 min read


रूसेड़ी बीनणी
जब कभी कुछ भी न चल रहा होता है, तब बहुत कुछ मौन होकर घटा करता है। हर घटनाओं का अंत दुखांत हो यह जरूरी नहीं। अचानक आँख खुली...! अरे! रात...
Rachnakunj .
Dec 21, 20224 min read


अंतिम बार
"बाबू, ई प्योर शीशम के लकड़ी हौ।चमक नहीं देखत हौ, और हल्का कितना हौ लईकन सब पचासों साल बैठी तबो कुछ ना होई। "सीताराम बढ़ई की कही ये...
Rachnakunj .
Nov 1, 20225 min read
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