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मां या पत्नी
शादी की उम्र हो रही थी और मेरे लिए लड़कियां देखी जा रही थीं। मैं मन ही मन काफी खुश था कि चलो कोई तो ऐसा होगा जिसे मैं अपना हमसफर बोलूंगा, जिसके साथ जब मन करे प्यार करूंगा। मेरी अच्छी खासी नौकरी थी, घर में बूढ़ी मां और पापा थे, और इतनी कमाई थी कि अपने पत्नी का खर्चा उठा सकूं। ये सारी बातें सोच-सोचकर खुश होता था। मां की उम्र भी हो गई थी, तो एक प्वाइंट ये भी लोगों को बताता कि मुझे शादी की कोई जल्दी नहीं, ये तो मां हैं जिनकी उम्र निकल रही है, उनके लिए शादी करनी है।
केशव कालरा
4 days ago6 min read


प्रेम या आकर्षण
प्रांजुल अवस्थी मेहंदी का कार्यक्रम चल रहा था। शिखा के दोनो हाथों में उसके साजन का नाम लिखने के साथ - साथ सभी सखियां उसे, उसके होने वाले पति का नाम ले लेकर उसे छेड़ रही थीं। घर में सब रिश्तेदार रस्म रिवाजों में व्यस्त थे। तभी शिखा की मम्मी उसके पास आई और उसके सर पर प्यार से हाथ रखा। आंखों में आंसू और चेहरे पर मुस्कान लेकर पूछा,"तू खुश तो है न बेटा.." "हां मम्मा...." बस इतना ही बोल पाई शिखा बेटी के माथे को चूमकर शिखा की मां भी अपने कामों में लग गई। शिखा अपने मम्मी-पापा की इ
प्रांजुल अवस्थी
6 days ago8 min read


मालकिन मैं या तुम
गीता तिवारी शादी की उम्र हो रही थी और मेरे लिए लड़कियां देखी जा रही थीं। मैं मन ही मन काफी खुश था कि चलो कोई तो ऐसा होगा जिसे मैं अपना हमसफर बोलूंगा, जिसके साथ जब मन करे प्यार करूंगा। मेरी अच्छी खासी नौकरी थी, घर में बूढ़ी मां और पापा थे, और इतनी कमाई थी कि अपने पत्नी का खर्चा उठा सकूं। ये सारी बातें सोच-सोचकर खुश होता था। मां की उम्र भी हो गई थी, तो एक प्वाइंट ये भी लोगों को बताता कि मुझे शादी की कोई जल्दी नहीं, ये तो मां हैं जिनकी उम्र निकल रही है, उनके लिए शादी करनी है। ल
गीता तिवारी
Dec 66 min read


विश्वास की मूर्ति
शिव शंकर सुजीत मार्केट में चलते चलते अचानक से दौड़ने लगता है और दौड़ते हुए जाकर एक महिला के आगे रूक जाता है। और दौड़ने की वजह से हाफ रहा होता है। महिला - बड़े आश्चर्य से देखते हुए बोली, अरे सुजीत तुम, मुझे तो यकीन ही नही हो रहा है कि, इतने दिनों बाद आज हम दोनों फिर से मिले हैं। सुजीत ने हांफते हुए कहा कि, मैं बड़ी देर से तुम्हें देख रहा था लेकिन ठीक से पहचान नहीं पा रहा था इसलिए बोल नहीं पाया लेकिन जब देखा कि तुम अब चली जाओगी तो मुझे दौड़ना पड़ा, तुम्हारा परिचय पूछने के लिए
शिव शंकर
Dec 54 min read


पश्चाताप
रमाशंकर मिश्रा सुमन की शादी को अभी कुछ ही साल हुए थे। वो अपने पति राजेश और सास के साथ रहती थी। शुरू में सब कुछ ठीक था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, सुमन के और उसकी सास के बीच छोटे-छोटे मामलों को लेकर मतभेद होने लगे। एक दिन सुमन को पता चला कि उसका सोने का हार नहीं मिल रहा है। उसने सारा घर छान मारा, हर जगह ढूंढ़ा, लेकिन हार का कहीं नामोनिशान नहीं था। सुमन को अपने मन में शक हुआ कि कहीं उसकी सास ने ही तो हार नहीं चुराया। उसे याद आया कि उसकी सास ने एक बार उसके गहनों को बड़े ध्
रमाकांत मिश्रा
Nov 243 min read


सौदा
अंजलि शर्मा इस बड़े शहर में एक छोटा सा कॉस्मेटिक शॉप है मेरा। पति ने खोला था मेरे नाम पर। झुमकी श्रृंगार स्टोर। आज एक नया जोड़ा आया है मेरे दुकान पर। स्टाफ ने बताया कि सुबह से दूसरी बार आये हैं। एक कंगन इन्हें पसंद है पर इनके हिसाब से दाम ज्यादा है। इन्हें देख इस दुकान की नींव, मेरा वजूद, और अपनी कहानी याद आ गई। ऐसे ही शादी के बाद पहली बार हम एक मेले में साथ गए थे। मुझे काँच की चूड़ियों का एक सेट पसंद आया था। तब आठ रुपये की थी और हम ले ना पाए थे। ये बार बार पाँच रुपये की बात कर
अंजलि शर्मा
Nov 192 min read


चरित्रहीन
ममता पाण्डेय ये वक्त है आने का? मनोहर से रहा न गया। क्या करूं। काम ही ऐसा है? घर में घुसते हुए रागिनी ने जवाब दिया। रात ग्यारह बजने को...
ममता पाण्डेय
Sep 188 min read


समर्पण
स्नेह लता अग्रवाल ये कहानी है सुरभि की, जो भोपाल की रहने वाली थी। सुरभि की शादी के बाद वो अपने ससुराल ग्वालियर पहुंची। शादी की रौनक खत्म...
स्नेह लता अग्रवाल
Sep 63 min read


ऐसी होती हैं बेटियां
जमुना प्रसाद मिश्र लड़कियों के एक विद्यालय में आई नई अध्यापिका बहुत खूबसूरत थी, बस उम्र थोड़ी अधिक हो रही थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी। सभी छात्राएं उसे देखकर तरह-तरह के अनुमान लगाया करती थीं। एक दिन किसी कार्यक्रम के दौरान जब छात्राएं उसके इर्द-गिर्द खड़ी थीं तो एक छात्रा ने बातों बातों में ही उससे पूछ लिया कि मैडम आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की...? अध्यापिका ने कहा- "पहले एक कहानी सुनाती हूं। एक महिला को बेटे होने की लालच में लगातार पांच बेटियां ही पैदा होती रहीं
जमुना प्रसाद मिश्र
Aug 22 min read


उम्मीद
अरविंद नौखवाल एक पुत्र अपने वृद्ध पिता को रात्रिभोज के लिये एक अच्छे रेस्टोरेंट में लेकर गया। खाने के दौरान वृद्ध पिता ने कई बार भोजन...
अरविंद नौखवाल
Jul 292 min read


क़र्ज़
शिव शंकर मेहता अखबार में अपने दोस्त की तस्वीर देखकर मुकुंद की आंखों में नमी आ गई। आज उसके दोस्त का कितना नाम है। सारा देश डॉक्टर प्रताप...
Rachnakunj .
Jun 84 min read


एक प्यारा सपना
मीणा कुमारी राजेश बाबू की उम्र पचास साल हो चुकी थी, लेकिन उनकी सुबह की आदतें वही थीं। नींद से उठते ही एक करवट लेते और अपनी पत्नी मीता से...
मीणा कुमारी
Jun 62 min read


एक थी काव्या
रजनीकांत यह कहानी है काव्या की, जो एक छोटे से शहर, लखनऊ, में पली-बढ़ी थी। उसकी शादी उसकी मर्जी के बिना एक साधारण से इंसान, रोहित, से कर...
रजनीकांत
Jun 43 min read


पहली नजर का प्यार
नीरज मिश्रा हर रोज की तरह आज की सुबह भी सामान्य-सी हुई थी। परदे के पीछे से झांकती सूरज की किरणें नीरज को सोने नही दे रही थी। नीरज एक...
नीरज मिश्रा
May 25 min read


वादा
रश्मि भारद्वाज उस दिन बारिश हो रही थी। रोहन अपनी खिड़की से बाहर देख रहा था। मन ही मन सोच रहा था, "आज कॉलेज जाने का मन नहीं है।" पर माँ...
रश्मि भारद्वाज
May 22 min read


धर्म और प्रेम
निधि सिंह नीतू अपनी डेस्क पर काम में व्यस्त थी, तभी एक प्यून ने आकर कहा, "नीतू जी, मालिक आपको अपने केबिन में बुला रहे हैं।" नीतू ने...
निधि सिंह
Feb 193 min read


गाढ़ा सिंदूर
आरती तिवारी मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ एक साधारण से लड़के के साथ कर दी गई थी। उसके घर में बस उसकी माँ थी, और कोई नहीं। शादी में उसे...
आरती तिवारी
Feb 132 min read


आशिकी
संगीता शर्मा शाम का समय था। सूरज धीरे-धीरे पहाड़ों के पीछे छिप रहा था, और आसमान नारंगी और गुलाबी रंगों से भर चुका था। रिया अपने घर की...
संगीता शर्मा
Feb 72 min read


सच्चे दिलदार
जितेंद्र यादव आठ साल पहले की बात है। मेरी गर्लफ्रेंड नैना ने मुझे छोड़ दिया था। मैं उस वक्त नया-नया ग्रेजुएट होकर निकला था। मुझे पता चला...
जितेंद्र यादव
Feb 53 min read
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