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पहली नजर का प्यार
नीरज मिश्रा हर रोज की तरह आज की सुबह भी सामान्य-सी हुई थी। परदे के पीछे से झांकती सूरज की किरणें नीरज को सोने नही दे रही थी। नीरज एक...
नीरज मिश्रा
May 25 min read
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वादा
रश्मि भारद्वाज उस दिन बारिश हो रही थी। रोहन अपनी खिड़की से बाहर देख रहा था। मन ही मन सोच रहा था, "आज कॉलेज जाने का मन नहीं है।" पर माँ...
रश्मि भारद्वाज
May 22 min read
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संयम का महत्व
अंजलि सक्सेना कहने को तो संयम बहुत ही छोटा सा शब्द है पर समझने को बहुत ही बड़ा है आज मैं आपको एक छोटी की घटना का उल्लेख कर रहा हूँ जो समझ...
अंजलि सक्सेना
Apr 201 min read
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सच्चा आशिर्वाद
चन्द्र शेखर मोहन ने अपनी शिक्षा पूरी कर ली थी और उसे एक सरकारी स्कूल में नौकरी भी मिल चुकी थी। बीते कुछ ही दिनों पहले एक बेहद सम्पन्न...
चन्द्र शेखर
Apr 103 min read
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आदर्श सलाह
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था। एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी एक थैले से कुछ निकाल...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Apr 102 min read
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डर के आगे जीत
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक दिन एक कुत्ता जंगल में रास्ता खो गया। तभी उसने देखा कि एक शेर बहुत तेजी से उसकी तरफ आ रहा है। कुत्ते की सांस...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Mar 282 min read
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खुशी...
मंजू सक्सेना उसके पास चालीस की उम्र होते होते सब कुछ था। अच्छी सरकारी नौकरी, सुंदर और सुलक्षणा पत्नी, दो प्यारे बच्चे, अपना मकान पर फिर...
मंजू सक्सेना
Mar 282 min read
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सच्चे रिश्ते
कर्माकर गुप्ता पूनम की डोली जब ससुराल पहुँची, तो उसके मन में अनगिनत सपने और खुशियाँ थीं। उसका पति, आदित्य, एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम...
कर्माकर गुप्ता
Mar 173 min read
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मूंछ का बाल
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था। वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Mar 172 min read
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परिंदे
निर्मल वर्मा अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बेडौल...
निर्मल वर्मा
Mar 1443 min read
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सच्ची खुशी
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव जवानी के समय में शारीरिक चाहतें आसमान छू कर बोलने लगती हैं, और पहले 20 साल तेजी से समाप्त हो जाते हैं। इसके...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Mar 144 min read
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मेरा दुश्मन
कृष्ण बलदेव वैद वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी...
कृष्ण बलदेव वैद
Mar 315 min read
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प्रायश्चित
भगवतीचरण वर्मा अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो...
भगवतीचरण वर्मा
Mar 37 min read
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एक कर्ज़ ऐसा भी...
ऋतिक द्विवेदी "डॉक्टर साहब, जब आप छुट्टी पर थे, तब कोई आदमी अपनी माँ को यहाँ भर्ती कराकर चला गया और आज तक वापस नहीं आया। समस्या ये है कि...
ऋतिक द्विवेदी
Feb 202 min read
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बलवा
महेश कुमार केशरी रोज की तरह आज भी किशून ऑटो लेकर स्टैंड़ पर पहुँचा था। दोपहर होने को हो आई थी। लेकिन, अब तक बोहनी नहीं हुई थी। रह-रहकर...
महेश कुमार केशरी
Feb 203 min read
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अनजान देवता
आशीष चौहान रमाशंकर की कार जैसे ही सोसायटी के गेट में घुसी, गार्ड ने उन्हें रोक कर कहा- “साहब, यह महिला आपके नाम और पते की चिट्ठी लेकर न...
आशीष चौहान
Feb 192 min read
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धर्म और प्रेम
निधि सिंह नीतू अपनी डेस्क पर काम में व्यस्त थी, तभी एक प्यून ने आकर कहा, "नीतू जी, मालिक आपको अपने केबिन में बुला रहे हैं।" नीतू ने...
निधि सिंह
Feb 193 min read
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स्वार्थी लोग
महेश कुमार केशरी सिस्टर मरियम बच्चों को पढ़ा रही थीं -"बच्चों हमारे अलग-अलग धर्मों में जितने भी लार्ड हुए हैं। उन सबमें एक समानता रही...
महेश कुमार केशरी
Feb 132 min read
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सम्यक दृष्टि
शैलेन्द्र सिंह एक राजा था, बहुत प्रभावशाली, बुद्धि और वैभव से संपन्न। आस-पास के राजा भी समय-समय पर उससे परामर्श लिया करते थे। एक दिन...
शैलेन्द्र सिंह
Feb 133 min read
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गाढ़ा सिंदूर
आरती तिवारी मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ एक साधारण से लड़के के साथ कर दी गई थी। उसके घर में बस उसकी माँ थी, और कोई नहीं। शादी में उसे...
आरती तिवारी
Feb 132 min read
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घुलते हुए दो जिस्म
सन्दीप तोमर सीने पर जो चाँद तुम टांक गई थी, वो रफ्ता-रफ्ता बढ़ता जाता है, जैसे मेंरे तुम्हारे बीच पनप रहा एहसास हो, जो बदल जाता है पूनम...
संदीप तोमर
Feb 131 min read
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कहानी कैसे लिखूँ?
आदित्य नारायण शुक्ला ओस से लिखूँ या अश्कों से लिखूँ मैं दिल की कहानी कैसे लिखूँ...?? फूलों पे लिखूँ या हाथों पे लिखूँ होंठों की ज़बानी...
आदित्य नारायण शुक्ला
Feb 101 min read
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निःस्वार्थ बलिदान
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक छोटे से कस्बे में राघव नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह एक साधारण मजदूर था, जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी मेहनत करके...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Feb 103 min read
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