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कलमुंही
मोनिका रघुवंशी सुना आपने, आपकी बड़ी बहुरिया क्या गुल खिला रही है आजकल। इस कुलक्षिनी ने तो हमारा नाम डुबोने की कसम ले रखी है..... ललिता...
Rachnakunj .
Jan 4, 20242 min read


मुफ्त की रोटी
लक्ष्मी कुमावत शाम हो चुकी थी। सात वर्षीय विवान अपनी दादी (कमला जी) के साथ हर शाम को मंदिर जाया करता था। वहां से वापस लौटते समय विवान...
Rachnakunj .
Jan 4, 20244 min read


वृद्धाश्रम
विभा गुप्ता "बाबूजी, मैं आपके और आपकी बहू की रोजाना चिकचिक से अब तंग आ गया हूँ। कल ही आपको वृद्धाश्रम छोड़ आता हूँ, आपकी बहू को शांति मिल...
Rachnakunj .
Jan 3, 20242 min read


नसीहत
रमाशंकर पांडे ससुराल से दुखी होने के कारण छः महीने मायके रहने के बाद आज बेटी ससुराल जा रही थी। पिछले हफ्ते पिता ने कहा था, हम बूढ़े हो गए...
Rachnakunj .
Jan 2, 20242 min read


पिता का सम्मान
विभा गुप्ता "बाबूजी.., मुझे 'जिंदल एंटरप्राइज' में नौकरी मिल गई है।" खुशी-से चहकते हुए विमल ने अपने पिता को बताया तो वो सोच में पड़ गयें।...
Rachnakunj .
Dec 31, 20232 min read


अंधविश्वास
डॉ. पारुल अग्रवाल दिव्या अपने परिवार से प्रेम करने वाली स्त्री थी। पर उसमें एक खराबी थी कि वो थोड़ा अंधविश्वासी थी। आजकल उसके पति का काम...
Rachnakunj .
Dec 31, 20232 min read


चूल्हे
मंजू यादव 'किरण' मेरे साहब (पतिदेव) खाना खाकर सोफे पर बैठते हुए बड़े खुशनुमा मूड में थे, बोले, "आज तो खाने में मजा आ गया। खाना मेरी बहू...
Rachnakunj .
Dec 29, 20234 min read


हृदय परिवर्तन
रमाकांत अवस्थी गांव की एक खूबसूरत नवयुवती अपने तीन साल के बच्चे को चिड़ियाघर घुमा रही थी। वहीं पांच-सात कॉलेज के लड़के उसे बार-बार देखते...
Rachnakunj .
Dec 28, 20232 min read


चोर कौन
संगीता अग्रवाल "मिताली कहाँ हो तुम?" विनय ऑफिस से आते ही चिल्लाया। "अरे क्यों गरम हो रहे हो, क्या हुआ बताओ तो?" मिताली रसोई से निकल पूछने...
Rachnakunj .
Dec 28, 20232 min read


बेटा हो तो ऐसा
गीतांजलि गुप्ता पलाश बहुत खुश था। कई महीनों से नौकरी ढूंढ रहा था। एक साथ दो कम्पनियों से आये नियुक्ति पत्र ले माँ और पापा के पास आया,...
Rachnakunj .
Dec 25, 20231 min read


कसूर
हरिशंकर गोयल रोहित अपनी दुकान पर बैठा-बैठा मोबाइल में कुछ वीडियो देख रहा था। आजकल बहुत सारी लड़कियां पैसा कमाने के चक्कर में ऊलजलूल...
Rachnakunj .
Dec 25, 20235 min read


बेटी की चाह
निर्मला सिंह 40-42 साल की घरेलू स्त्री थी सुधा। भरापूरा परिवार था। धन-धान्य की कोई कमी नहीं थी। सुधा भी ख़ुश ही थी अपने घर-संसार में,...
Rachnakunj .
Dec 21, 20232 min read


साँवली
पुष्पा संजय नेमा रोज की तरह आज फिर सब ऑगन में बैठ कर सुबह की गुनगुनी धूप का आनन्द ले रहे थे। इतने में बाबूजी की कड़कदार आवाज से साँवली के...
Rachnakunj .
Dec 21, 20232 min read


एक हसरत थी कि....
रजनी माथुर एक लड़की होने के नाते मेरी भी एक इच्छा थी कि मुझे भी कोई छेड़े। मुझ पर नई-नई जवानी आई थी, नई इसलिए क्योंकि तब मैं स्कूल में थी...
Rachnakunj .
Dec 20, 20232 min read


दो वादे
संजय नायक "शिल्प" ट्रेन अपनी गति से उसके गाँव की ओर बढ़ी चली जा रही थी। रंजना पूरे तेरह साल बाद गाँव जा रही थी। उसके पिताजी अपने अंतिम...
Rachnakunj .
Dec 16, 202310 min read


नई बहू
रीटा मक्कड़ वैसे भाभी तुमने बहु को ज्यादा ही सर पर चढ़ा रखा है। नीता ने अपनी भाभी से बोला। अभी से उसको काम करने की आदत नही डालोगी तो अकेले...
Rachnakunj .
Dec 16, 20231 min read


पंगा बड़ा महंगा
मीनाक्षी सिंह कल विवेक एक शादी समारोह में गया। वो एक चेयर लेकर बैठ गया और आतें ज़ाते लोगों को देखने लगा। तभी उसकी नजर सामने बैठे एक आदमी...
Rachnakunj .
Dec 15, 20233 min read


हमारी बेटियाँ
माधवी दीक्षित मैं 8वीं कक्षा में थी जब मुझसे कहा गया, तुम पढ़ कर क्या करोगी? तुम्हारे भाइयों की शिक्षा अधिक महत्वपूर्ण है। उस दिन, मैंने...
Rachnakunj .
Dec 14, 20233 min read


रिक्शेवाला
लक्ष्मीकांत पांडे "जल्दी करो, जल्दी करो, देर हो रही है। कितनी देर लगाती हो एक टिफ़िन देने में" प्रफुल्ल बाबू ने झल्लाते हुए अपनी पत्नी...
Rachnakunj .
Dec 14, 20234 min read


माता का ह्रदय
प्रेमचंद माधवी की आंखों में सारा संसार अंधेरा हो रहा था। काई अपना मददगार दिखाई न देता था। कहीं आशा की झलक न थी। उस निर्धन घर में वह अकेली...
Rachnakunj .
Dec 11, 202312 min read
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