एक प्यारा सपना
- मीणा कुमारी
- Jun 6
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Updated: Jun 6
मीणा कुमारी
राजेश बाबू की उम्र पचास साल हो चुकी थी, लेकिन उनकी सुबह की आदतें वही थीं। नींद से उठते ही एक करवट लेते और अपनी पत्नी मीता से हमेशा की तरह चाय बनाने को कहते। एक और करवट लेकर वह फिर से रजाई ओढ़कर आराम से लेट जाते।
लेकिन आज सुबह कुछ अलग था। कुछ समय इंतजार करने के बाद भी चाय की कोई आहट नहीं आई। थोड़ी हैरानी के साथ उन्होंने फिर से आवाज दी।
जब कोई जवाब नहीं आया, तो राजेश बाबू को बेचैनी सी महसूस हुई। उन्होंने उठकर लाईट जलाई और मीता को हिलाया। पर इस बार मीता में कोई हलचल नहीं थी।
उनका दिल घबरा उठा। रजाई हटाकर देखा तो मीता एक ओर चुपचाप निढाल पड़ी थी।
राजेश बाबू के लिए यह सहन करना बहुत मुश्किल था। देखते ही देखते लोग उनके पास जुटने लगे, और फिर मीता का अंतिम संस्कार हो गया।
अगला हफ्ता तो जैसे राजेश बाबू के लिए धुंधला सा गुजरा। उनका एक ही बेटा था, जो अब अमेरिका में रहता था। बेटे ने लौटकर पापा से कहा कि वे भी उसके साथ चलें। राजेश बाबू तैयार तो हो गए, पर उनका मन कहीं मीता की यादों में ही अटका रहा।
मीता का साथ उन्हें अब हर पल महसूस होता – वह कितना ख्याल रखती थी उनका, लेकिन उन्होंने कभी उसकी कद्र नहीं की। हर छोटी बात में वह उसकी गलती निकालते और कभी उसकी तारीफ नहीं करते। मीता फिर भी मुस्कुराते हुए सारा काम संभाल लेती थी, यहां तक कि जब घर की नौकरानी भी दो महीने की छुट्टी पर चली गई थी, तब भी मीता सब काम अकेले ही कर रही थी, बिना किसी शिकन के।
अब उन्हें मीता की वो बातें याद आने लगीं, जिन पर पहले कभी ध्यान नहीं दिया था। काश, उन्होंने उसे कभी सराहा होता। काश, उसके साथ थोड़ा अच्छा बर्ताव किया होता। ये ख्याल आते ही उनकी आंखें भीग जातीं।
आज राजेश बाबू का सामान पैक हो चुका था। वो अमेरिका जाने के लिए तैयार हो रहे थे। सामान समेटते हुए उनकी नजर मीता की तस्वीर पर पड़ी, और भावनाओं का बांध टूट गया। आंखों से आंसू बहते हुए उन्होंने तस्वीर के सामने कहा, "मीता, माफ कर दो मुझे। मैं तुम्हारे बिना कुछ नहीं हूं। आज समझ पाया हूं कि मैं तुमसे कितना प्यार करता था।"
अचानक किसी ने उन्हें पीठ पर हल्के से झकझोरा। उन्होंने चौंककर आंखें खोलीं, और देखा कि मीता उनके पास बैठी थी, उन्हें प्यार से देख रही थी। वो सब एक सपना था।
राजेश बाबू को एक पल के लिए विश्वास ही नहीं हुआ, पर अगले ही पल उन्होंने मीता का हाथ अपने हाथों में थाम लिया, और उनकी आंखों से आंसू बहते जा रहे थे।
सिर्फ एक बात निकल पाई उनके मुंह से, "आई लव यू, मीता... आई लव यू।"
और मीता, भीगी आंखों से बस उन्हें अपलक देखे जा रही थी, जैसे इस पल का उन्हें भी इंतजार था।
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