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दादी और पोती
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव "अम्मा ! मैं सुषमा और डॉली के साथ मॉल जा रहा हूँ। तुम घर का ख्याल रखना। "ठीक है बेटा ! तुम जाओ। वैसे भी मेरे पैर...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Mar 8, 20243 min read
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शेर और भालू
विनीता पैंगेनी श्याम नाम के जंगल में सालों पहले एक शेर रहता था। वह शेर काफ़ी चालाक था। इसे हर एक जानवर से दोस्ती करके उसका फ़ायदा उठाने...
विनीता पैंगेनी
Mar 4, 20244 min read
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अपनी-अपनी खुशी
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक बार पचास लोगों का ग्रुप किसी सेमीनार में हिस्सा ले रहा था। सेमीनार शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Feb 28, 20242 min read
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हंस और मूर्ख कछुआ
विष्णु शर्मा एक तालाब में एक कछुआ रहता था। उसी तालाब में दो हंस भी पानी पीने आते थे। जल्द ही हंस और कछुआ दोस्त बन गए। हंसों को छुए का...
विष्णु शर्मा
Feb 11, 20242 min read
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संस्कार
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव वासु भाई और वीणा बेन गुजरात के एक शहर में रहते हैं। आज दोनों यात्रा की तैयारी कर रहे थे। 3 दिन का अवकाश था। पेशे...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Feb 9, 20245 min read
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प्रभु की लीला
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन भ्रमण पर निकले। उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राहमण को भिक्षा मागते देखा। अर्जुन...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Feb 9, 20242 min read
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परिस्थितियां
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव एक घर के पास काफी दिन से एक बड़ी इमारत का काम चल रहा था। वहां रोज मजदूरों के छोटे-छोटे बच्चे एक दूसरे की शर्ट...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Feb 1, 20242 min read
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पटाखा
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव “वाह! क्या लगती हो! इस उम्र में भी बिलकुल पटाखा हो पटाखा।” गली में तेज-तेज कदमों से अपने घर की ओर जाती हुई...
Rachnakunj .
Jan 24, 20242 min read
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नफ़रत
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक आदमी ने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की से शादी की। शादी के बाद दोनों की ज़िन्दगी बहुत प्यार से गुजर रही थी। वह उसे...
Rachnakunj .
Jan 20, 20242 min read
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कश्ती में छेद
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव एक आदमी ने एक पेंटर को बुलाया अपने घर, और अपनी नाव दिखाकर कहा कि इसको पेंट कर दो। उस पेंटर ने पेंट लेकर उस नाव...
Rachnakunj .
Jan 7, 20242 min read
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टोकरी
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव एक बार की बात है। एक जंगल में एक संत छोटी सी कुटिया बनाकर रह रहे थे। जहां पर एक नदी भी थी। वे दिनभर भगवान के...
Rachnakunj .
Jan 5, 20242 min read
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ताकत
अखिलेश दुबे एक बार एक व्यक्ति दिन भर मजदूरी करके पैसे कमाने के पश्चात अपने घर की तरफ जा रहा था। सर्दियों के दिन थे और शाम ढल चुकी थी।...
Rachnakunj .
Jan 5, 20242 min read
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बचपन ना छीने
विभा गुप्ता मेरे पति का जबलपुर में तबादला हुआ था। शहर और वहाँ के लोग, दोनों मेरे लिये नये थे। बेटे का जिस स्कूल में एडमिशन करवाया था, उसी...
Rachnakunj .
Dec 29, 20233 min read
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मूर्ख पड़ोसी
अनजान प्राचीन भारत में, एक बहुत ही दयालु व्यापारी रहता था। वह निर्धन लोगों को पैसे दान करता था और अपने दोस्तों की हमेशा मदद करता था। उस...
Rachnakunj .
Dec 19, 20232 min read
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बैंड बाजे
निरंजन धुलेकर कोर्ट में हो गया फ़ैसला आज। दोनों बाहर आ गए, एक दूसरे के प्रति निर्विकार पर अपनी-अपनी जीत के विजयी भाव चेहरे पर लिए सड़क की...
Rachnakunj .
Dec 19, 20231 min read
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हमारी सोच
डॉ. कृष्ण कांत श्रीवास्तव एक बार एक राजा के राज्य में महामारी फैल गयी। चारो ओर लोग मरने लगे। राजा ने इसे रोकने के लिये बहुत सारे उपाय...
Rachnakunj .
Dec 18, 20232 min read
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सगी बहन
दीपक पाराशर मोहन अपने तीन दोस्तों के साथ रोज की भांति स्कूल से वापिस घर जा रहा था कि तभी अचानक किसी लडकी के चीखने कि आवाज आई, बचाओ...
Rachnakunj .
Dec 18, 20232 min read
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हथौड़ी की कशमकश
कानपुर की तंग गलियों के बीच एक पुरानी ताले की दूकान थी। नागरिक वहां से ताला-चाबी खरीदते और कभी-कभी चाबी खोने पर डुप्लीकेट चाबी बनवाने भी...
Rachnakunj .
Dec 10, 20232 min read
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झूठा दिखावा
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव एक जंगल में बंदरों का बड़ा झुंड था। उस जंगल में खाने पीने की कोई कमी नहीं थी इसलिए सारे बंदर बहुत आराम और...
Rachnakunj .
Dec 3, 20233 min read
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नकल का अंजाम
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव एक पहाड़ की ऊंची चोटी पर एक गरुड़ रहता था। उसी पहाड़ की तलहटी में एक विशाल वृक्ष था, जिस पर एक कौआ अपना घोंसला...
Rachnakunj .
Dec 1, 20232 min read
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