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शहर खर्चीले होते हैं।
लक्ष्मी कुमावत “ये क्या छोटी बहू? ये मैं क्या सुन रही हूं? तुमने दिनेश की पढ़ाई शहर में अपने घर पर रखकर करवाने से इनकार कर दिया। भला ये...
लक्ष्मी कुमावत
May 19, 20247 min read
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प्रेमा
सरोजनी माथुर प्रेमा एक साधारण नयन नक्श वाली महिला है, उसे न ही ब्रांडेड कपड़ो का शौक है और न ही किसी प्रकार के सजने संवरने का। पूरी...
सरोजनी माथुर
May 13, 20244 min read
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टूटते रिश्ते
अनुज कुमार जायसवाल सुबह के साढ़े सात बजे जब निधि स्कूल के लिए तैयार हुई तो चुपके से ऊपर मम्मी के बेडरूम में गई, धीरे से डोर सरकाया...
अनुज कुमार जायसवाल
May 12, 20245 min read
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चांदी के खडुआ
आंसू भी रो पड़े डॉ. जहान सिंह ‘जहान’ सेंगुर नदी की कछार में बसा फरीदपुर मल्लाहों का डेरा। एक हंसती-खाती खुशमिजाज बस्ती। मछली पकड़ना,...
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’
May 12, 20243 min read
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भूखी चिड़िया
श्वेता श्रीवास्तव सालों पहले एक घंटाघर में टींकू चिड़िया अपने माता-पिता और 5 भाइयों के साथ रहती थी। टींकू चिड़िया छोटी सी थी। उसके पंख...
श्वेता श्रीवास्तव
May 11, 20242 min read
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कैसी शर्म
रमेश चंद्रा सोनू की जब शादी हुई थी, तब सदर बाजार में उसका सेंट बेचने का बिजनेस खूब चलता था। किंतु 5 साल बाद उसके बिजनेस में अचानक ब्रेक...
रमेश चंद्रा
May 10, 20242 min read
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बोनस
भूपेंद्र सिंह "गुड मॉर्निंग सर, क्या मेरी बात भूपेंद्र जी से हो रही है?" "जी मैडम, कहिए.. भूपेंद्र ही बोल रहा हूँ।" "सर, मैं रितु...
भूपेंद्र सिंह
May 10, 20248 min read
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वयःसंधि
श्याम आठले सुबह के दस बजे थे। मैं अपनी क्लिनिक में अपनी केबिन में आकर बैठा ही था और डाक देख रहा था कि सहायक ने आकर बताया कि बलबीर चोपड़ा...
श्याम आठले
May 5, 20242 min read
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आशंकाओं के बादल
दीप्ति मिश्रा नव्या कॉलेज के लिए तैयार होकर घर से निकलने लगी, तो मैं अपलक उसे निहारती रह गई। दिनों दिन उसका निखरता सौंदर्य देख जहां मेरा...
दीप्ति मिश्रा
Apr 27, 20243 min read
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घरेलू महिला
भूपेंद्र बघेल मोहन आज फिर लता को उसकी औकात दिखा कर दफ्तर के लिये निकल गया और वो दिखाये भी क्यों ना, क्योंकि लता एक घरेलू महिला है। वो कोई...
भूपेंद्र बघेल
Apr 25, 20243 min read
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सोच से परे
कुसुम आज अचला, माँ की व्यथा को समझ पाई थी, आज उसे अहसास हुआ कि माँ किस दर्द और वेदना से गुजरी होगी। माँ के लिये उसके दिल मे भरा रोष आज...
कुसुम
Apr 15, 20243 min read
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एहसास
रमा शंकर अवस्थी पत्नी ने पति से कहा, “कितनी देर तक समाचार पत्र पढ़ते रहोगे? यहाँ आओ और अपनी प्यारी बेटी को खाना खिलाओ।” पति ने समाचार...
रमा शंकर अवस्थी
Apr 13, 20242 min read
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पिता की थाली
राम कुमार शर्मा किसी गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति अपने बेटे और बहु के साथ रहता था। परिवार सुखी संपन्न था। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी।...
राम कुमार शर्मा
Apr 5, 20242 min read
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तुम्हारा लाडला
ऋतु अग्रवाल "मैं नहीं जाऊंगी" "एक बार कह दिया तो कह दिया, मैं नहीं जाऊंगी।" मानसी चिल्ला पड़ी। "क्यों नहीं जाएगी? आखिर ऐसी क्या बात है कि...
ऋतु अग्रवाल
Apr 2, 20241 min read
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