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समझदार व्यापारी
हीरालाल मशालो का एक व्यापारी था, जो शहर-शहर जाकर मशाले बेचा करता था। एक दिन उसकी तबीयब बहुत खराब हो गयी जिस कारण वह मशाले बेचने नहीं जा पाता है।
हरिशंकर परसाई
Nov 183 min read


गलत धारणा
रवि शंकर गुप्ता "लीजिए भाभी मुंह मीठा कीजिए।" आशीष जी ने अपनी भाभी रमीला जी को मिठाई देते हुए कहा। रमीला जी मिठाई मुंह में रखकर बोली। "देवर जी किस चीज की मिठाई बाटी जा रही है। लगता है अबकी बार तो बेटा हुआ है देवरानी जी को।" "नहीं भाभी बेटा नहीं दूसरी भी लक्ष्मी ही आई है। और उसके आने की खुशी में ही मिठाई बांट रहा हूं।" आशीष जी ने खुश होकर अपनी भाभी से कहा। बेटी का नाम सुनकर रमीला जी का मानो मुंह कड़वा हो गया हो। मानो उन्होंने मिठाई ना खा कर कुछ कड़वी बुरी चीज खाली हो। वह ए
रवि शंकर गुप्ता
Aug 27 min read
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