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जीत की बात

सतीश सक्सेना

ओठों पर आ जाए जो
उस गीत की बातें करते हैं!
जो मन को छू जाये
उसी संगीत की बातें करते हैं!
अम्मा दादी नानी बाबा से
हम चलना सीखे हैं,
स्नेही आँचल में कटे,
अतीत की बातें करते हैं!
जीवन भर तस्वीर संजोये,
लेकिन ढूंढ न पाए हैं,
अपने सपनों में आये
उस मीत की बातें करते हैं!
हमको कौन शाबाशी देगा,
सन्नाटों में रहते हैं!
कब्रों के संग बैठ जमीं से,
प्रीत की बातें करते हैं!
कंगूरों से रही लड़ाई,
इंसानों से प्यार किया!
ऐसे बुरे समय में भी हम,
जीत की बातें करते हैं।

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