जीवन की सीख
- रमाशंकर द्विवेदी
- Nov 29, 2024
- 2 min read
रमाशंकर द्विवेदी
एक बार की बात है। एक खूबसूरत लड़की अपने शादी-शुदा जिंदगी से तंग आकर अपने जीवनसाथी की हत्या करना चाहती थी।
एक सुबह वह दौड़कर अपनी मां के पास गई और बोली, "मां, मैं अपने पति से थक गई हूं, मैं अब उसको और उसकी बकवास का समर्थन नहीं कर सकती। मैं उसे मारना चाहती हूं, लेकिन मुझे डर है कि देश का कानून मुझे जिम्मेदार ठहराएगा, क्या आप मदद कर सकती हैं। मुझे मां?"
माँ ने उत्तर दिया: - हां मेरी बेटी, मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूं, और जरूर करूंगी, लेकिन, एक छोटा सा काम है जो तुम्हें करना होगा क्या तुम वो कर पाओगी।
बेटी ने पूछा "कौन सा काम? आप बस कहो मैं उसे बाहर निकालने के लिए कोई भी काम करने को तैयार हूं।"
ठीक है, माँ ने कहा,
1. तुम्हें उसके साथ शांति बनानी होगी, ताकि उसके मरने पर किसी को तुम पर शक न हो।
2. उसे जवान और आकर्षक दिखने के लिए आपको खुद को संवारना होगा।
3. तुम्हें उसकी अच्छी देखभाल करनी होगी और उसके प्रति बहुत अच्छा और सराहना पूर्ण व्यवहार करना होगा।
4. तुम्हें धैर्यवान, प्रेमपूर्ण और कम ईर्ष्यालु होना होगा, अधिक सुनने वाले कान होने चाहिए, अधिक सम्मानजनक और आज्ञाकारी होना चाहिए।
5. उसके लिए अपना पैसा खर्च करने होंगा और जब वह तुम्हें किसी भी चीज के लिए पैसे ना दे तो भी नाराज नहीं होना होगा।
6. उसके खिलाफ आवाज न उठाएं बल्कि शांति और प्रेम को प्रोत्साहित करें ताकि जब वह मर चुका हो तो भी किसी को तुम्हारे ऊपर कभी भी संदेह न हो।
क्या तुम यह सब कर सकती हो? माँ से पूछा।
हाँ जरूर मैं बिल्कुल कर सकती हूं। उसने जवाब दिया।
ठीक है, माँ ने कहा।
माँ ने उसे एक चूर्ण का पैकेट दिया और उसको जानकारी देते हुए कहा की इस चूर्ण को लेकर उसके प्रतिदिन के भोजन में थोड़ा सा मिला दें, इससे वह धीरे-धीरे मर जाएगा।
30 दिन बाद महिला अपनी मां के पास वापस आई और बोली।
माँ, अब मेरा अपने पति को मारने का कोई इरादा नहीं है। अब तक मुझे उससे फिर से प्यार हो गया है क्योंकि वह पूरी तरह से बदल गया है, वह अब इतना प्यारा पति है जितना मैंने कभी सोचा था।
उसने रोते-रोते अपनी माँ से कहा की मैं जहर से उसे मरने से बचाने के लिए क्या कर सकती हूँ?
प्लीज़ मेरी मदद करो माँ। उसने दुःखी स्वर में विनती की।
माँ ने उत्तर दिया; चिंता मत करो मेरी बेटी। उस दिन मैंने तुम्हें जो दिया वह सिर्फ टरमयुरिक पाउडर था। यह उसे कभी नहीं मारेगा।
वास्तव में, कहीं न कहीं तुम ही वो जहर थीं जो धीरे-धीरे आपके पति को तनाव और वैराग्य से मार रही थी।
जब तुमने उससे प्यार करना, उसका सम्मान करना और उसकी देखभाल करना शुरू किया, तो तुमने उसे खुद ही बचा लिया और साथ ही साथ अपना परिवार भी।
******
Comments