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टैरो कार्ड

एक अधेड़ सम्भ्रांत घर की महिला थाने में सुबकते हुए कह रही थी, ‘‘सर जी उसने मुझे होटल में बुलाया, फिर धोखे से, मेरी इज्जत तार-तार कर दी।
दरोगा-यह तो बहुत ही गलत हुआ, आप के साथ मैडम जी!..फिर मैडम की ओर गौर से देखते हुए, अरे! मेम लग रहा, मैंने आप को कहीं देखा है।
उस महिला के साथ आए कुछ परिचितों में से एक बोला-कमाल करते हैं साहब जी! आप को पता नहीं? अरे! यह मैडम जी टैरो कार्ड से लोगों का भविष्य बताती हैं। अखबारों-पत्रिकाओं में इनके रेगुलर कालम छपते हैं। कई चैनलों से इनके प्रोग्राम आते हैं।
दरोगा, मैडम जी की ओर हिकारत से देखते हुए-अरे! वाह ये तो बड़ी अच्छी बात है। फिर आप मैडम जी, उस होटल में करने क्या गईं थीं।
मैडम बोले, उस पहले ही मैडम का चमचा ही बोल पड़ा-दरअसल उस आदमी ने मैडम से, अपने करोबार के, भविष्य के बारे में जानने के लिए बुलाया था।
‘‘उस नामुराद निगोड़े ने होटल के कमरे में मुझे अकेले बुलाया ...मैडम फिर से सिसकने लगीं..फिर उसने जबरदस्ती मेरे साथ..अब मैडम का रूदन उनकी व्यथा-कथा बयां कर रहा था।..मुझे उस कमीने ने कहीं का न छोड़ा। उँ उँ उँ.. ऽऽऽ..
दरोगा मैडम की शिकायत दर्ज करने लगा। तब तक वहाँ मीडिया कर्मी भी सूँघते-सूँघते आ गये। क्या हुआ? क्या हुआ? सवाल-दर-सवाल दरोगा पर दागने लगे? तब दरोगा झल्लाकर, मैडम की ओर उँगली उठाकर बोला-मेरे से क्या पूछते हो? इन मैडम जी से पूछो-जो सब का भविष्य टैरो कार्ड से बताती हैं। पूछो, एक धोखेबाज ने धोखे से इनके चरित्र का, भविष्य कैसे खराब कर दिया?
अब वहाँ चख-चख थी। तमाम सुलगते सवाल, मैडम और उनके समर्थकों के कलेजे झुलसा रहे थे। मैडम की बैग में पड़े टैरो कार्ड अट्टहास करते हुए कह रहे थे- दूसरों का भविष्य टैरो कार्ड से बताने वालों के भविष्य खबर की आज खबरनवीस ले रहे हैं।

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