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परिहास

मनोज कुमार पुर्रे 'मौजी'


हाथों में स्वेत ध्वजा लेकर
अगर तुम कदम बढ़ा ना सको,
मानवीय तत्वों व भावनाओं को
जो स्वयं में जगा ना सको
तो नाम में तुम्हारे
उपहास ही लिखा जायेगा!!
अपने समाज, कुल और
महापुरुषों के गौरव के
जो मान अगर बढ़ा ना सको
तो तुमकों यहाँ पराजित व
हताश ही लिखा जायेगा!!
वीर गुरु बालकदास जैसा
अगर तुम तलवार उठा ना सको,
इंसानियत को तुम बचा न सको
तो तुम्हारे लिए जीवनपर्यंत
परिहास ही लिखा जायेगा!!
तुम मानव-मानव एक को
अगर चरितार्थ कर दिखा सको,
गुरु घासीदास जी के बताए
उद्देश्यों को अपना सको,
तो तुम्हारे नाम से स्वर्णिम
इतिहास ही लिखा जायेगा!!

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