top of page

बदरा कहां गए

अशोक कुमार बाजपेई


ओ बदरा तुम कहां गए
बेचैन सभी की आंखें हैं
तुम तो सुधि भूल गए
ओ बदरा तुम कहां गए।

पिछले माह तुम आए थे
आकर खुब जल बरसाए थे
इस माह तुम सुधि न लीनी दें
जैसे सब को भूल गए
ओ बदरा तुम कहां गए।

अब तो बदरा आ जाओ
और हमें ना तड़पाओ
इस उमस से निजात दिलाओ
थोड़ी तो गर्मी कम कर जाओ
जल्दी आओ जल्दी आओ
तुम कैसे रास्ता भूल गए ।
ओ बदरा तुम कहां गए ।

*****

Comments


bottom of page