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भावात्मक स्मृति

Updated: Mar 31, 2023

उनकी उंगली पकड़कर स्कूल जाना,
जैसे कल की बात हो,
नए खिलौनों की जिद करना
और फिर पा जाना जैसे कल की बात हो,
ऑफिस से लौटते ही मेला दिखाने की जिद करना
और उनका मुझे मेला में ले जाना
जैसे कल की बात हो,
मेले में घंटों उनके कंधों पर चढ़े रहना
और तमाम माँगें मानवाना
जैसे कल की ही बात हो,
बिना मांगे मनचाही वस्तु का पा जाना
जैसे कल की बात हो,
गलती क्यों ना हमारी हो फिर भी
हमारे लिए उनका दूसरों से भिड़ जाना
जैसे कल की बात हो,
बीमारी चाहे छोटी ही क्यों ना हो
उनका घंटों सिरहाने बैठना
और प्यार से सिर पर हाथ फेराना
जैसे कल की बात हो,
पर समय का पहिया तेजी से घूमता है
और खुशियां ऐसे काफूर हो जाती है कि
जैसे कल की बात हो,
आज उन्हीं को ठंडे फर्श पर
उत्तर दक्षिण लिटाने का एहसास,
बड़ा दर्द देता है
अपने कंधों पर उठाकर
अकेले अनंत की यात्रा पर भेजने का एहसास,
बड़ा दर्द देता है
पल भर में ही खुशियों की चादर का
अपने ऊपर से उठा लिए जाने का एहसास,
बड़ा दर्द देता है
जिम्मेदारियों के आने
और असुरक्षित हो जाने का एहसास,
बड़ा दर्द देता है
सच है पिता के साए के हट जाने का एहसास,
बड़ा दर्द देता है
दोस्तों, कृष्ण की मानो तो आप धन्य हैं
जो कुछ सुखद पल ईश्वर ने आपको दिए हैं
उन्हें आज ही जी डालो
क्योंकि सुखद पदों के खोने का एहसास
बड़ा दर्द देता है।
सच है पिता के साए के हट जाने का एहसास,
बड़ा दर्द देता है।

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