टूर पर जाने के लिए समीरा ने सारी तैयारी कर ली थी। उसने दो बैग में सारा सामान भर लिया। बेटी को पैकिंग करते देख नीला ने पूछा, "इस बार कुछ ज्यादा सामान नहीं ले जा रही हो?"
"हां मां, ज्यादा तो है," गंभीर स्वर में समीरा ने कहा। अपने जुड़वां भाई अतुल, भाभी रेखा को बाय कहकर, उदास आंखों से मां को देखती हुई समीरा निकल गई।
10 मिनट बाद ही समीरा ने नीला को फोन किया, "मां, एक पत्र लिखकर आपकी अलमारी में रख आई हूं। जब समय मिले, पढ़ लेना।" इतना कहकर उसने फोन काट दिया।