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आतप प्रताप
वीना उदय दिनकर के आतप से आकुल अवनि का आँचल है तृषित है जन-जन, व्याकुल तन-मन ठाँव ढूँढते वन-वन। लुप्त हुई मानो हरियाली, सूखी पत्ती-पत्ती औ...
Rachnakunj .
Jun 17, 20231 min read


दिल की सुन
सुमन मोहिनी वो वफ़ा करें या जफ़ा करें सब क़बूल सजदे में उनके हमने सर को झुकाया है। इस दिल की बेक़रारी क्या समझेगा वो जिसके लिए होशो हवास...
Rachnakunj .
Jun 15, 20231 min read


मेरे हमनशीं
संपदा ठाकुर गुज़रे लम्हें याद करे या तुझ को याद करे, ऐ ज़िंदगी तूही बता दे कैसे तुझे शाद करे। तू नसीब बनकर मेरा सर पर चमकता रहे, तु मेरा...
Rachnakunj .
Jun 12, 20231 min read


खामोशी दे दी..
नीलम गुप्ता जो लोग मेरे बोलने से बहुत परेशान थे मैने उनको तोहफ़े में ख़ामोशी दे दी किसी बात पर अपनी राय नहीं देती मैने चुप्पी अब अधरों पे...
Rachnakunj .
Jun 6, 20231 min read


स्त्री
वंदना सक्सेना स्त्री केवल तन ही नहीं मन भी है पाकीज़गी है निर्मलता है जो समा लेती है सैकड़ों यातनाएं मन के अंदर जो तू देता है कभी सोचा वो...
Rachnakunj .
May 28, 20231 min read


सेवानिवृत्त जिंदगी
अनजान रिटायर्ड आदमी को, सब फालतू समझते हैं। वे छोटी-छोटी बातों में, बार-बार बमकते हैं। बात करो तो, अपनी ही हाँकते हैं। मैंने ये किया, वो...
Rachnakunj .
May 19, 20232 min read


मां
आचार्य जहान कभी ऐसा भी हो जाए। मां का अपना घर एक दिन को उसका मायका हो जाए। वो भी रूठे, खेल-कूदे, और नाचे-गाये। उसको भी कोई बच्चों सा...
Rachnakunj .
May 14, 20231 min read


यादें
ओम प्रकाश तिवारी बात-बात में बात हो गई। पार उमरिया साठ हो गई।। अम्मा ने जो की बतकहियाँ। आज वही ज़ज्बात हो गई।। पिता तुम्हारे संघर्षों की।...
Rachnakunj .
Apr 24, 20231 min read


तुम हो किंचित निकट यहीं
तुम हो किंचित निकट यहीं महेन्द्र मुकुंन्द पिय! तुम हो किंचित निकट यहीं.......... ऐसा होता आभास मुझे। मृदु-गंध-पवन तन छू मेरा, देकर जाती...
Rachnakunj .
Apr 20, 20231 min read


WE & THEY
Avighna Gautam Life to humans, Is a beautiful destiny As for animals, We all are enemy. They live in the world Of torture, sadness and...
Rachnakunj .
Apr 11, 20231 min read


मौन अखरता है।
आलोकेश्वर चबडाल अखरता है शब्दकोश के शब्दों के यह, कान कतरता है, मौन अखरता है प्रिय तेरा, मौन अखरता है! निर्मम निर्दय निष्ठुर नीरस जो चाहे...
Rachnakunj .
Apr 9, 20231 min read


घर की याद
भवानीप्रसाद मिश्र आज पानी गिर रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, रात-भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है, अब सवेरा हो गया है, कब सवेरा हो...
Rachnakunj .
Apr 8, 20234 min read


तमाशा
सम्पदा ठाकुर हमें नहीं भाते जरा भी लोग झूठे और मक्कार यह गले लगा कर पीठ पीछे करते हैं वार ऐसे लोग खुद को बहुत समझते हैं होशियार ठगते रहते...
Rachnakunj .
Apr 4, 20231 min read


संबंध सुहाना है
लीला तिवानी है प्रेम से जग प्यारा, सुंदर है सुहाना है जिस ओर नज़र जाए, बस प्रेम-तराना है बादल का सागर से, सागर का धरती से धरती का अंबर...
Rachnakunj .
Mar 31, 20231 min read


FALL OF A FEATHER
Aastha Awasthi Death so languid As fiery as a feather That kisses the face of its demise as ever A Tale of Death the fall of a Feather A...
Rachnakunj .
Mar 25, 20232 min read


आत्ममंथन
शैलेन्द्र शर्मा सोचना एकांत में, जब कभी फुर्सत मिले भावनाएँ, रंग क्यों पल-पल बदलतीं हैं। क्यों हवा पुरवा तुम्हें अब पूर्ववत् लगती नहीं और...
Rachnakunj .
Mar 21, 20231 min read


मौन
सविता सिंह मीरा मौन, समझे कौन उफ्फ ये शोर शराबा शब्द सारे हो गए गौण। तभी किसी ने दी आवाज कौन है जो आया आज इतने कोलाहल में भी समझ गया वह...
Rachnakunj .
Mar 11, 20231 min read


मंथन मन का
ममता खरे खुद से करती हूँ बातें, खुद ही खुश हो जाती हूँ। इस झंझावाती दुनियाँ से, अब मोह नहीं मै लगाती हूँ। बाहर से है भीड़ भरी, पर अंतस...
Rachnakunj .
Feb 26, 20231 min read


दुख की सरिता गहरी
महेन्द्र मुकुंन्द दुख की सरिता गहरी, अँखियाँ, जल बरसाना धीरे-धीरे, मेरा प्रण प्रियतम-सागर में, जा मिल जाना धीरे-धीरे। बागों में कलिकाओं...
Rachnakunj .
Feb 26, 20231 min read


अगर जन्म उत्सव है।
आचार्य जहान सिंह अगर जन्म उत्सव है, तो मृत्यु क्यों नही। आने-जाने वाला एक ही, फिर जश्न क्यों नही।। आने वाला, एक अनजान मेहमान। न जाने कैसा...
Rachnakunj .
Feb 26, 20231 min read
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