top of page

अपने काम से काम रखिये

डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव

एक पठान के पास एक बकरा और एक घोडा था। जिन्हें वो बहुत प्यार करता था। एक बार अचानक घोडा बीमार पड़ गया और बैठ गया। वो अब चल फिर नहीं सकता था। पठान को इस बात की बड़ी चिंता हुयी। उसने घोड़े के इलाज के लिए डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर ने जांच पड़ताल करने के बाद पठान को बताया कि....
“आपके घोड़े को बहुत खतरनाक बीमारी हुयी है। मैं इसे 4 दिन लगातार दवाई दूंगा। अगर ये चौथे दिन तक खड़ा हो गया तो बच जाएगा। यदि यह चौथे दिन तक खड़ा न हुआ तो मजबूरन इसे मारना पड़ेगा।”
यह सुन कर पठान को बहुत दुःख हुआ। लेकिन वह कर भी क्या सकता था। डॉक्टर के जाने के बाद बकरे ने घोड़े को समझाने की कोशिश की। “देखो, तुम कल एक बार जब डॉक्टर आये तो उठ जाना। वर्ना वो तुम्हें मार देंगे।”
लेकिन घोड़े पर इस बात का कोई असर न हुआ। वह दूसरे दिन न उठा। बकरे ने उसे दूसरे दिन भी समझाया। पर घोडा तो जैसे कान में रूई डाले बैठा था। तीसरे दिन डॉक्टर फिर आया। उसने देखा कि घोड़ा फिर से खड़ा नहीं हुआ।
“बस एक दिन और अगर यह न खड़ा हुआ तो कल इसका आखिरी दिन होगा।”
इतना कह कर डॉक्टर चला गया। तब बकरे ने एक आखिरी कोशिश करनी चाही।
“देखो, मैं तुम्हारे भले के लिए ही कह रहा हूँ। जिन्दगी दुबारा नहीं मिलती। तुम्हें ज्यादा कुछ नहीं करना। अपनी जान बचने के लिए बस एक बार उठ कर दौड़ना है।”
घोड़े ने बकरे की सलाह पर इस बार विचार किया। उसने सोच लिया अगर एक बार हिम्मत करने से जान बच सकती है तो क्यों न कोशिश कर ली जाए।
अगले दिन डॉक्टर आया और जैसे ही घोड़े के पास गया तो घोड़ा अचानक से उठा और दौड़ने लगा। डॉक्टर खुश हो गया और बोला, “बधाई हो, आपका घोड़ा बच गया। अब इसे नहीं मारना पड़ेगा।”
यह खबर सुन पठान बहुत खुश हुआ और तुरंत बोला....
“डॉक्टर साहब आज खुश कर दिया आपने। मैं आज बहुत खुश हूँ और इसी ख़ुशी में आज बकरा कटेगा”!
सीख : आज के ज़माने में बस अपने काम से काम रखिये। नहीं तो किसी और को बचाने के चक्कर में आप भी बकरे की तरह कट जाओगे।

******

Comments


bottom of page