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ज़मीला
हर हर नाथ मिश्रा सर्दियों की रात थी। हरखू अपनी खाट पर लेटा खिड़की के बाहर घने कोहरे को ताक रहा था। हवा इतनी ठंडी थी कि उसके हाथ-पैर...
हर हर नाथ मिश्रा
Feb 52 min read


नई उड़ान
नंदिता सिंह मेरी शादी हो चुकी थी, और मैं अपने पति के घर में पहली बार कदम रख रही थी। उनके कमरे में बैठी हुई, मैं जैसे किसी का इंतज़ार कर...
नंदिता सिंह
Jan 282 min read


रिश्तों का सौंदर्य
अर्पित तिवारी रात का समय था। संजय और निधि अपने कमरे में बैठे, भविष्य की अनिश्चितताओं पर चर्चा कर रहे थे। निधि चिंतित स्वर में संजय से...
अर्पित तिवारी
Jan 183 min read


आंटी नहीं 'मां'
रूपाली चौधरी रात दस बजे के क़रीब, थकी-हारी नेहा घर पहुंची तो भाभी ने रूखेपन से कहा, "दीदी, तुम्हारा खाना ढंक रखा है, चाहो तो गरम करके खा...
रूपाली चौधरी
Jan 1310 min read


ज़िंदगी का पाठ
आदित्य कुमार बाजपेई "माँ, आप अपनी सीखें अपने पास ही रखिए। आप पुराने ज़माने की हैं। आपको कुछ पता नहीं। मैं आदित्य के साथ और नहीं रह सकती। हमारा रिश्ता अब पहले जैसा नहीं रहा। मैं इसे यहीं खत्म करना चाहती हूँ। इसमें गलत क्या है?" नेहा ने गुस्से में कहा। अमिता ने संयम रखते हुए उत्तर दिया, "बेटा, हम तो पुराने ज़माने के लोग हैं। तुम्हारे जैसे मॉडर्न नहीं, जो आज पति से मन भर गया तो रिश्ता खत्म करने की बात करने लगें। तुम्हें एहसास हो रहा है कि आदित्य तुम्हारे टाइप का नहीं है, जबकि
आदित्य कुमार बाजपेई
Jan 62 min read


छोटी बहू
अनामिका तिवारी मेरी एक सहेली है। उसका नाम मिताली है। मैं अक्सर उसके घर जाया करती। मैं देखती कि उसकी छोटी भाभी चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान लिए बस अपने काम में लगी रहती थीं। अगर कभी फुर्सत मिली तो अपने कमरे में जाकर अकेली बैठी रहती, क्योंकि उन्हें घर का कोई सदस्य पसंद नहीं करता था। वजह उनका रंग साँवला था, और वह होमसाइंस में स्नातक थी। मिताली के घर में सब डॉक्टर या इंजीनियर, या बड़ी प्राइवेट कंपनी में हायर पोस्ट पर थे। छोटी भाभी को मिताली के पापा ने गुण और संस्कार देखकर पसंद किय
अनामिका तिवारी
Jan 52 min read


प्रेम पदचाप
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’ सुशीरो जापान का एक सुंदर खुशहाल गांव, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। भले लोगों की बस्ती। धान...
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’
Dec 21, 20244 min read


मेच्योर लव स्टोरी
सरिता जायसवाल चालीस पार की एक महिला और एक पुरुष पास-पास ही रहते थे, दोनों अकेले थे। दोनों दोस्त हो गये और साथ समय बिताने लगे, एक दूसरे को पसंद करने लगे। बैंक कर्मचारी वरुण फ्लैट किराये पर लेकर अकेला रहने आया। उसकी उम्र 41 साल, कद 5 फुट 7 इंच लम्बा, गेहुंआ रंग और फिट शरीर था। वरुण के सामने वाले फ्लैट में एक महिला रहती थी, पर कभी बात नहीं हुई। वही महिला वरुण के बैंक में खाता खुलवाने आयी। आधार कार्ड से पता चला- नाम मीनाक्षी, उम्र 50, उनकी और वरुण की मातृभाषा एक है। वरुण ने मात
सरिता जायसवाल
Dec 16, 20247 min read


एक कप कॉफी
सरोज रावत ग्रेजुएशन की पहली साल में ही शैली की शादी हो गई। उसका पति कुनाल और परिवार के सभी लोग बड़े प्यारे और खुले विचारों के थे। जब शैली की शादी तय हुई थी, तभी उसकी सास ने खुल के कह दिया था, “बेटा! शादी भले ही हो जाये, पर तुम अपनी पढ़ाई-लिखाई कभी मत छोड़ना। जितना चाहो उतना आगे बढ़ना।” ससुराल में पहले दिन से ही सब उससे ऐसे बर्ताव करते, जैसे वो यहां जाने कितने सालों से रह रही है। हर चीज़ में उसकी राय ली जाती और उसकी पसंद को महत्व दिया जाता। सच कहूं तो शैली का ससुराल ऐसा थ
सरोज रावत
Dec 15, 20243 min read


शिकायतों का कबाड़ा
सुमन रायजादा काफी देर बेल बजने के बाद अंजलि ने बड़े बेमन से जाकर दरवाजा खोला। शेखर घर में इंटर होते ही सोफे पर जाकर बैठ गए। सुबह की घटना चलचित्र की भाँति दिमाग में चलने लगी। शेखर की गलती सिर्फ इतनी थी कि अंजलि की सहेली सिखा को अपने घर आने के लिए मना कर दिया था। क्योंकि उसे लगता था कि पड़ोसियों की बातें आकर के शेयर करती हैं। जिससे अंजली सुनकर व्यथित होती है और उसके ऊपर बुरा असर पड़ रहा है। इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई थी। बात इतनी बढ़ गई थी कि अंजलि ने मायके जाने
सुमन रायजादा
Dec 14, 20242 min read


कशक
अजीत अस्थाना मेरी और रमन की शादी शुदा जिंदगी खुशहाल थी। घर में कोई कमी नहीं थी। सास, ससुर और एक देवर का मेरा छोटा सा संसार था। रमन एक...
अजीत अस्थाना
Dec 6, 20249 min read


दिव्य कमल
हरिशंकर गोयल "श्री हरि" गन्धमादन पर्वत पर सम्राट युधिष्ठिर, भीम, नकुल, सहदेव, द्रोपदी, ऋषि धौम्य, महर्षि लोमश और अन्य साधु संत "नर...
हरिशंकर गोयल "श्री हरि"
Nov 4, 20248 min read


निश्चिन्ती
विकास यादव इनकी शुरू से एक आदत है। सोते समय या तो मेरा हाथ पकड़ लेंगे या मेरे गाल पर हाथ रख कर सोएंगे, कुछ नही तो साड़ी का पल्लू ही हाथ मे...
विकास यादव
Sep 30, 20242 min read


चैन से जीने दो
उर्मिला तिवारी "तुम बिन मैं कुछ नहीं, तुम्हारा साथ हर मुश्किल को पार करने के लिए काफी है। तुम हो, तो मैं हूँ, वरना कुछ भी नहीं।" पढ़ते...
उर्मिला तिवारी
Sep 17, 20244 min read


कागज की नाव
नीरजा कृष्णा अमिता को मुंबई में नया ऑफिस ज्वाइन किए हुए साल भर होने जा रहा है पर वो नितांत अकेली है। चुपचाप आना, अपना काम करना और फिर...
नीरजा कृष्णा
Sep 13, 20242 min read


कमज़ोर लइकी
श्रीपाल द्विवेदी ऋतु के व्हाट्स एप्प पर कई लड़कों से दोस्ती और चैटिंग पढ़कर राज का चेहरा लाल हो गया। गुस्से से आँखों से अंगारे निकलने लगे,...
श्रीपाल द्विवेदी
Aug 28, 20243 min read


इम्तहान
रति गुप्ता लड़का ट्रेन से उतरकर प्लेटफार्म पर चलते हुए निकास-द्वार की ओर मुड़ा ही था कि उसका दिल धक्क से होकर रह गया। निकास-द्वार के पास...
रति गुप्ता
Aug 28, 20242 min read


एक ऐसा भी सांप
बालेश्वर गुप्ता पूरी रात आंखों में ही कट गयी। रमेश का क्रोध सुम्मी पर तो था ही पर उससे अधिक वो पीयूष पर आक्रोशित था। उसकी ही फैक्ट्री का...
बालेश्वर गुप्ता
Aug 16, 20242 min read


सफर
नीलिमा मिश्रा ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर...
नीलिमा मिश्रा
Aug 6, 20246 min read


फिर एक बार…
रचना कंडवाल सुजाता ने आज दस साल बाद दोबारा "बसेरा" में कदम रखा था। ये वही "बसेरा" था जहां कभी वह दुल्हन बन कर आई थी। ये कभी उसका घर हुआ करता था। उसके ससुर रिटायर्ड जज अविनाश शर्मा की कोठी उसके पति आइपीएस निशांत शर्मा का घर। घर में शोक पसरा हुआ था, मृत शरीर को ले जाने की तैयारी थी। मरने वाली और कोई नहीं उसके पति की दूसरी पत्नी ज्योति थी। वो जाकर अपनी सास के पास खड़ी हो गई। मां आंखों में आंसू भरे उसे देखने लगी। उनकी गोद में ज्योति का बेटा आदित्य दुबका हुआ था। उम्र आठ साल थी। ऐ
रचना कंडवाल
Jul 1, 20248 min read