top of page
OUR BLOGS


बदरा कहां गए
अशोक कुमार बाजपेई ओ बदरा तुम कहां गए बेचैन सभी की आंखें हैं तुम तो सुधि भूल गए ओ बदरा तुम कहां गए। पिछले माह तुम आए थे आकर खुब जल बरसाए...
Rachnakunj .
Jul 31, 20231 min read


ग़ज़ल
कुसुम शर्मा ये चाँदी की सी चमकीली हवाएं चली हैं आज बर्फ़ीली हवाएं बहे अश्क़ों के दरिया हैं कहीं पर नमी से हो रहीं गीली हवाएं असर ये...
Rachnakunj .
Jul 29, 20231 min read


मां तुम कितनी सुंदर हो।
डॉ. जहान सिंह 'जहान' प्राकृति का ये सुन्दर आवरण ही पर्यावरण है। ये खूबसूरत धरती मां का घूंघट है। उसकी लज्जा है, उसका श्रंगार है।।...
Rachnakunj .
Jul 28, 20231 min read


बारिश
सविता पाटील बरसी तो थी बारिश, बूंदों ने कोना कोना भिगो दिया, भर गई नदी, भरा सरोवर, सागर भी तो भर गया! फिर क्यों वो प्यासा… शिकायत में...
Rachnakunj .
Jul 26, 20231 min read


इम्तिहान
मनीष कुमार शुक्ल 'मन' गिरा शजर तो उड़े परिन्दे नये सफ़र की उड़ान ओढ़े पड़ा रहा वो और उठ न पाया बदन पे अपनी थकान ओढ़े उसी की क़िस्मत सहर...
Rachnakunj .
Jul 25, 20231 min read


कर्म ही अपने
रमेश चंद्र चंदेल सीता के रखवाले राम थे जब हरण हुआ तब कोई नहीं द्रोपदी के पांच पांडव थे जब चीर हरा तब कोई नहीं दशरथ के चार दुलारे थे जब...
Rachnakunj .
Jul 24, 20231 min read


बेवफ़ाई
जिया घड़ी वो और चूड़ी मैं निकालूंगी कलाई से, बहुत उकता चुके हैं यार दोनों आशनाई से, उसे बस देखना ही आँख की बीनाई ले डूबा, उसे लिखते अगर तो...
Rachnakunj .
Jul 23, 20231 min read


Relationships
Dr. Ranjana Srivastava Warp and Woof of the world Strength and buttress for all and one Whether in blood or in laws Relationships have...
Rachnakunj .
Jul 21, 20231 min read


मैं मदिरालय हूं।
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’ “देश का देशी मदिरालय।” हताशा, निराशा, हर गम का औषधालय।। चिंता हरक, कष्ट निवारक, थके हुओं का विश्रामालय। टीन की चादर,...
Rachnakunj .
Jul 20, 20232 min read


वो प्यार नहीं कर पाएंगे
आँचल सक्सैना सच कहते हैं यार, नहीं कर पाएंगे उनसे आंखें चार, नहीं कर पाएंगे चेहरा देखे वो केवल, दिल ना देखे हम इतना श्रृंगार, नहीं कर...
Rachnakunj .
Jul 18, 20231 min read


मोबाइल और बच्चे
डॉ राम शरण सेठ मोबाइल आ गया है। बचपन छीनता जा रहा है।। परिवार में संवेदनाओ से। नाता दूर हो गया है।। रिश्तों की समझदारी। कुछ न कुछ कम हो...
Rachnakunj .
Jul 17, 20231 min read


मेरी कलम से…
ममता सिन्हा मैं उतरन उतराई थी! पीड़ित मन सकुचाई थी!! लड़की आने से नाखुश, कुपित हमारी माई थी!! पढ़ मत ज्यादा कहती थी! डाँट डपटती रहती थी!!...
Rachnakunj .
Jul 16, 20231 min read


चाँदनी रात में…
दीपशिखा चाँदनी रात में शबनमी साथ में प्यार की वादियों ने कहानी लिखी, फूल हर सू खिले दिल से दिल थे मिले, एक राजा की क़िस्मत में रानी...
Rachnakunj .
Jul 15, 20231 min read


मेरे नैना
मीनाक्षी पाठक नैना मेरे मुझे छलने लगे बेवजह ही बरसने लगे जख्म हैं गहरा पर बाहर पहरा रिश्तों के धागे कतरने लगे हैं जुबान पर ठहरा दर्द है...
Rachnakunj .
Jul 14, 20231 min read


खोजता हूँ
मदन मोहन शर्मा 'सजल' हूँ अकेला इस जहां में, मंजिलें नाकाम हैं। हर कदम पर प्रीत धोखा, भावना का दाम है।। प्यार का बंधन सुहाना, सोचता हूँ...
Rachnakunj .
Jul 13, 20231 min read


आलात
डॉ रश्मि दुबे हर तरफ आघात ही आघात है। ये हमारे सामने की बात है। दिन पे दिन ही ये बिगड़ते जा रहे जाने कैसे देश के हालात हैं। सामने हर...
Rachnakunj .
Jul 12, 20231 min read


बीते वक्त की बहार
डॉ. जहान सिंह “जहान” यूं तो चलन से बाहर हूं, पर बीते वक्त की बहार हूं, यह सोचना गलत है कि मैं बेकार हूं आज भी पहली कतार में बैठा हुआ,...
Rachnakunj .
Jul 9, 20231 min read


लौट जाते हैं, अब
सविता पाटील चल, लौट जाते हैं अब चलते-चलते दूर तक निकल आए हैं अब! पलटकर देखूं तो, नज़र में कोई नहीं है, या तो मैं नहीं हूं किसी की… या कोई...
Rachnakunj .
Jul 7, 20231 min read


सच्चा आईना
अंजलि मोल भाव इश्क में क्या करते हो जानां नाज़ुक सा दिल मेरा कोई बाजार नहीं है। मरमर से बदन पे, फिसले हैं निगाहें दिल ए बर्बाद का अब कोई...
Rachnakunj .
Jul 5, 20231 min read


बरगद का पेड़
अनजान मैं उस हरकारे के बच्चों को भी उसी समय से देख रहा था जिस समय से मैं उस बरगद के पेड़ को देखा करता था पेड़ के आसपास और भी लत्तरें थींl...
Rachnakunj .
Jul 4, 20232 min read