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घर का भोजन
सरला सिंह एक स्त्री के पास एक बड़ा सा घर था, बड़े-बड़े १२ कमरों वाला। वह स्त्री अकेली रहती थी, तो उसने सोचा क्यों न वह उसमें नवयुवकों को...
सरला सिंह
Sep 6, 20242 min read


जलील
निर्मला ठाकुर बच्चों को स्कूल भेज, पतिदेव को ऑफिस विदा कर, घर का काम निपटाकर, नहा-धोकर एक कप चाय लेकर लॉन में आ बैठी। मार्च की सुबह की...
निर्मला ठाकुर
Sep 6, 20248 min read


और क्या चाहिए?
सरला सिंह सुबह पांच बजे अलार्म बजा, सुभी आज बेमन से उठी। अंग-अंग दर्द कर रहा था, दो मिनट और लेट जाती हूं। उसमें ही दस मिनट निकल...
सरला सिंह
Sep 5, 20247 min read


बात जो भारी पड़ गई
शुभ्रा बैनर्जी सुधा के छोटे ननदोई जी रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। पुरोहित का काम उनके परिवार में पीढ़ियों से चला आ रहा...
शुभ्रा बैनर्जी
Sep 5, 20243 min read


सुखांत
राजश्री जैन प्रकाश जी की पत्नी प्रिया जी का देहांत हो गया था और अब वो बिल्कुल अकेले रह गए थे। उनका बेटा और बेटी दोनों अपने परिवार सहित...
राजश्री जैन
Aug 30, 20242 min read


ममता
निर्मला कुमारी वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका...
निर्मला कुमारी
Aug 13, 20243 min read


निःशब्द
रमा शंकर शर्मा "आज कैसी तबीयत है?" मां ने रोज की तरह सुबह उठते ही मेरा हाल चाल जानने के लिए फोन लगाया। कई दिन से मेरी तबीयत खराब चल रही...
रमा शंकर शर्मा
Aug 13, 20242 min read


खुद्दार
सरला सिंह बाज़ार में एक आदमी ने फ़ल बेचने वाले एक दुकानदार से पूछा - केले और सेब क्या भाव हैं भाई? केले 40 रु. दर्जन और सेब 120 रु. किलो हैं साहब....दुकानदार ने कहा। आदमी बोला, कुछ ठीक ठाक भाव लगा दो भाई। तभी ठीक उसी समय फटे पुराने कपड़े पहनी हुई एक गरीब सी दिखने वाली औरत दुकान में आयी और बोली, मुझे एक किलो सेब और एक दर्जन केले चाहिये - क्या भाव है भैया? दुकानदार ने कहा, केले 5 रु दर्जन और सेब 25 रु किलो, इससे एक पैसे भी कम नहीं लूँगा। औरत ने कहा, ठीक है, जल्दी से दो दर्जन
सरला सिंह
Aug 12, 20242 min read


मनहूस
रमाकांत मिश्रा एक व्यक्ति के बारे में मशहूर हो गया कि उसका चेहरा बहुत मनहूस है। लोगों ने उसके मनहूस होने की शिकायत राजा से की। राजा ने...
रमाकांत मिश्रा
Aug 11, 20241 min read


कला का अभिमान
अनुज कुमार जायसवाल नारायण दास एक कुशल मूर्तिकार थे। उनकी बनाई मूर्तियां दूर-दूर तक मशहूर थीं। नारायण दास को बस एक ही दुख था, कि उनके कोई...
अनुज कुमार जायसवाल
Aug 11, 20243 min read


रिश्ता नहीं सौदा
सन्दीप गढवाली लडके के पिता ने पंडित जी को एक लडकी देखने को कहा। पण्डित जी बोले हाँ एक लडकी है। अभी कुछ दिनों पहले उसके पिता ने भी एक लडका...
सन्दीप गढवाली
Aug 7, 20242 min read


मायका
रमेश कुमार संतोष करवाचौथ को एक दिन ही बचा है। उस का ध्यान बार-बार भैया और भाभी की तरफ जा रहा है। मन होता है, फ़ोन करूँ। परन्तु करती नहीं...
रमेश कुमार संतोष
Jul 31, 20242 min read


एक बार तो सोचती
विभा गुप्ता रत्ना के हाथ रखने से पहले ही उसके ननदोई श्रीधर ने अपना हाथ पुस्तक पर से हटा लिया तो वह तिलमिला गई। अपनी इच्छा पर पानी फिरते...
विभा गुप्ता
Jul 30, 20242 min read


बहू की बंदिशे
संगीता शर्मा आशी आज बहुत गुस्से में थी, और होती भी क्यों ना? उसे लगता था, मोहल्ले की सभी बहुओं में सबसे ज्यादा दुखी वही है। शाम को जब...
संगीता शर्मा
Jul 16, 20243 min read


नया मकान
संतोष कुमार पटेल "भैया, परसों नये मकान पर हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।" छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा। "क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो?" "नहीं भैया, ये अपना मकान है, किराये का नहीं।" “अपना मकान”, भरपूर आश्चर्य के साथ भरत के मुँह से निकला। "छोटे तूने बताया भी नहीं कि तूने अपना मकान ले लिया है।" "बस भैया", कहते हुए लक्ष्मण ने फोन काट दिया। "अपना मकान", "बस भैया" ये शब्द भरत क
संतोष कुमार पटेल
Jul 15, 20243 min read


आत्मघाती कदम
श्याम आठले मैं ऑफिस के काम से मुंबई गया था। वैसे तो ऑफिस की तरफ से रुकने की व्यवस्था थी पर मित्र आकाश की ज़िद के आगे हार मानकर...
श्याम आठले
Jul 14, 20242 min read


संस्कारी बहू
वीरेन्द्र सिंह एक सेठ के सात बेटे थे। सभी का विवाह हो चुका था। छोटी बहू संस्कारी माता-पिता की बेटी थी। बचपन से ही अभिभावकों से अच्छे...
वीरेन्द्र सिंह
Jul 13, 20245 min read


आवरण
सुमन द्विवेदी धाड़… धाड़… धाड़… सविता का कलेजा तेज़ी से धड़कने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे वह बहुत दूर से दौड़ कर आ रही हो। ठंड के मौसम में भी उसके...
सुमन द्विवेदी
Jul 12, 202414 min read


लाख का शेर
प्रवीण कुमार फारस का राजा और बादशाह अकबर बहुत अच्छे दोस्त थे। वे दोनों एक दूसरे को पहेलियाँ व चुटकले भेजा करते थे। उन्हें एक दूसरे से...
प्रवीण कुमार
Jul 12, 20242 min read
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