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दीपक की माँ
अरविंद द्विवेदी मीटिंग के बीच में जब टेबल पर पड़ा फोन वाइब्रेट हुआ तो पुरे हाल को पता चल गया कि किसी का फोन आया है। बड़े पोस्ट पर विद्यमान...
अरविंद द्विवेदी
Jan 185 min read


रिश्तों का सौंदर्य
अर्पित तिवारी रात का समय था। संजय और निधि अपने कमरे में बैठे, भविष्य की अनिश्चितताओं पर चर्चा कर रहे थे। निधि चिंतित स्वर में संजय से...
अर्पित तिवारी
Jan 183 min read


स्वयंवर
रमाकांत द्विवेदी एक राजा की बेटी की शादी होनी थी। बेटी की ये शर्त थी कि जो भी 20 तक की गिनती सुनाएगा उसको राजकुमारी अपना पति चुनेगी।...
रमाकांत द्विवेदी
Jan 132 min read


अधूरी ख्वाहिशें
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव माँ के दहेज में बोन चाइना का एक नाजुक टी सेट आया था। माँ उस टी सेट को किसी खजाने की तरह संजो कर रखती थीं,...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Jan 112 min read


बदलाव
महेश कुमार केशरी "मयंक आ रहा है। उससे पूछो उसके लिए क्या बनाऊँ। फिश करी, हिल्सा मछली, या चिकन करी, या मटन बोलो दीदी। उसको क्या पसंद है?...
महेश कुमार केशरी
Jan 106 min read


शेरशाह का न्याय
वृंदावनलाल वर्मा वह नहा रही थी। ऋतु न गरमी की, न सर्दी की। इसलिए अपने आँगन में निश्चिंतता के साथ नहा रही थी। छोटे से घर की छोटी सी पौर के किवाड़ भीतर से बंद कर लिए थे। घर की दीवारें ऊँची नहीं थीं। घर में कोई था नहीं, इसलिए वह मौज के साथ नहा रही थी। सुंदरी थी, युवती, गोरी नारी। पानी के साथ हँसते-मुसकराते आमोदमग्न थी। पठान बादशाह शेरशाह सूरी का शाहजादा इस्लामशाह झूमते हुए हाथी पर सवार, उसी घर के सामनेवाली सड़क से चला आ रहा था – कारचोबी, जरतार की अंबरी, सुनहला रुपहला हौदा, गह
वृंदावनलाल वर्मा
Jan 108 min read


यमराज का बेटा
प्रभा कांत द्विवेदी यमलोक में आज यमराज कुछ उक्ताए हुए से टहल रहे थे। वैसे तो यमलोक स्वर्गलोक का ही एक हिस्सा था, मगर स्वर्ग से बिलकुल...
प्रभा कांत द्विवेदी
Jan 711 min read


ज़िंदगी का पाठ
आदित्य कुमार बाजपेई "माँ, आप अपनी सीखें अपने पास ही रखिए। आप पुराने ज़माने की हैं। आपको कुछ पता नहीं। मैं आदित्य के साथ और नहीं रह सकती। हमारा रिश्ता अब पहले जैसा नहीं रहा। मैं इसे यहीं खत्म करना चाहती हूँ। इसमें गलत क्या है?" नेहा ने गुस्से में कहा। अमिता ने संयम रखते हुए उत्तर दिया, "बेटा, हम तो पुराने ज़माने के लोग हैं। तुम्हारे जैसे मॉडर्न नहीं, जो आज पति से मन भर गया तो रिश्ता खत्म करने की बात करने लगें। तुम्हें एहसास हो रहा है कि आदित्य तुम्हारे टाइप का नहीं है, जबकि
आदित्य कुमार बाजपेई
Jan 62 min read


विवाह की बैठक
राजीव लोचन विवाह की चर्चा चल रही थी। दोनों परिवारों ने लड़का और लड़की को आपस में बात करने का मौका दिया ताकि वे एक-दूसरे को समझ सकें।...
राजीव लोचन
Jan 62 min read


अधूरा सर्वे
रमेश चन्द्र वर्मा दरवाजे पर टिंग-टॉन्ग की आवाज गूंजती है। "बहू, देखना कौन है?" सोफे पर लेटकर...
रमेश चन्द्र वर्मा
Jan 52 min read


छोटी बहू
अनामिका तिवारी मेरी एक सहेली है। उसका नाम मिताली है। मैं अक्सर उसके घर जाया करती। मैं देखती कि उसकी छोटी भाभी चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान लिए बस अपने काम में लगी रहती थीं। अगर कभी फुर्सत मिली तो अपने कमरे में जाकर अकेली बैठी रहती, क्योंकि उन्हें घर का कोई सदस्य पसंद नहीं करता था। वजह उनका रंग साँवला था, और वह होमसाइंस में स्नातक थी। मिताली के घर में सब डॉक्टर या इंजीनियर, या बड़ी प्राइवेट कंपनी में हायर पोस्ट पर थे। छोटी भाभी को मिताली के पापा ने गुण और संस्कार देखकर पसंद किय
अनामिका तिवारी
Jan 52 min read


क्यू आर कोड
महेश कुमार केशरी मिंटू का आठ साल का लड़का बीमारा था। दशहरे का कलश स्थापना हो चुका था। लेकिन, दुकानदारी बहुत ठप चल रही थी। वो मेले ठेले...
महेश कुमार केशरी
Jan 39 min read


संगीत प्रेमी
मुकेश ‘नादान’ नरेंद्र उन दिनों अपने पिता के घर भोजन करने के लिए केवल दो बार जाया करते थे, और दिन-रात निकट के रामतनु बसु की गली में स्थित...
मुकेश ‘नादान’
Jan 33 min read


लौटा दी खुशियां
दिलीप कुमार जैसे ही बाहर की घंटी बजी, तो नौकर ने पूजा को आकर बताया कि पडोस वाली कमला आन्टी, अभी-अभी टैक्सी से उतर कर सामान सहित बाहर खडी है। पूजा हैरान सी उसे घूरते हुए जल्दी-जल्दी बाहर आई। अभी सुबह ही तो सारे मुहल्ले ने उन्हें नम ऑखो से विदाई दी थी। वह अपने इकलौते बेटे गौरव के साथ कैनेडा जा रही थी। अपने पति की मृत्यु के बाद वह अकेली हो गयी थी। बेशक सारा मुहल्ला उन का अपना था। वह काफी मिलनसार, सुख दुख सान्झा करने वाली महिला थी। सब को उनका जाना बहुत अखर रहा था, पर सब सोच कर प
दिलीप कुमार
Jan 26 min read


माई का श्राप
संजय नायक "शिल्प" वो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर पिता गुजर गया था। गंगा नाम था उसका, जैसे ही पति गया वो ठाकुर...
संजय नायक "शिल्प"
Jan 24 min read


नई संस्कृति
राजीव जैन वह साहब सुबह उठा। नहा धो कर, नाश्ता कर आफिस के लिये तैयार होने लगा कि अचानक ही एक जूते का तस्मा कसते कसते टूट गया। इतना समय...
राजीव जैन
Dec 27, 20242 min read


भाव
श्रीमती सिन्हा विश्वास हमारी ये..गऊ-गंवई सी सीधी सादी। अभी नए-नए ब्याह के लाए हैं ना इसी से शहरी चाल-चालाकी नहीं समझती। मैं सुबह से शाम तक डयूटी पर और वो घर में निपट अकेली। ऊब जाती होगी तभी तो रोज़ मेरी स्कूटर की आवाज़ सुनकर भाग के आ जाती बाहर। कभी पल्लू कभी चुन्नी की ओट से झांकती इनकी आंखों की वो गजब चमक देखने के लिए मैं सामने के मोड़ से ही हॉर्न बजाना शुरू कर देता। पड़ोस की बिंदो ताई टोक भी चुकी इस खातिर, मगर मैं बुरा नहीं मानता। मेरे पीछे उनकी शीला बहू से बीच-बीच में बोल-बत
श्रीमती सिन्हा विश्वास
Dec 26, 20243 min read


अकेली लड़की
सूरजभान पिछले शनिवार की रात थी, करीब 11:30 बज रहे थे। मैं ऑफिस से निकला और पार्किंग से अपनी बाइक लेकर अपने घर की ओर जा रहा था। जाड़े का...
सूरजभान
Dec 25, 20243 min read


तीसरी गलती
ललिता सिंह टूर पर जाने के लिए समीरा ने सारी तैयारी कर ली थी। उसने दो बैग में सारा सामान भर लिया। बेटी को पैकिंग करते देख नीला ने पूछा, "इस बार कुछ ज्यादा सामान नहीं ले जा रही हो?" "हां मां, ज्यादा तो है," गंभीर स्वर में समीरा ने कहा। अपने जुड़वां भाई अतुल, भाभी रेखा को बाय कहकर, उदास आंखों से मां को देखती हुई समीरा निकल गई। 10 मिनट बाद ही समीरा ने नीला को फोन किया, "मां, एक पत्र लिखकर आपकी अलमारी में रख आई हूं। जब समय मिले, पढ़ लेना।" इतना कहकर उसने फोन काट दिया।
ललिता सिंह
Dec 25, 20243 min read


प्रेम पदचाप
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’ सुशीरो जापान का एक सुंदर खुशहाल गांव, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। भले लोगों की बस्ती। धान...
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’
Dec 21, 20244 min read
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