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आशिकी
संगीता शर्मा शाम का समय था। सूरज धीरे-धीरे पहाड़ों के पीछे छिप रहा था, और आसमान नारंगी और गुलाबी रंगों से भर चुका था। रिया अपने घर की...
संगीता शर्मा
Feb 72 min read
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बरसात की रात
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव दो-तीन दिन पहले की बात है। मैं अपनी 8 वर्षीय बेटी को स्कूल से लेने के लिए तीन बजे स्कूल के गेट पर पहुंचा। वहाँ...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Feb 72 min read
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भूली हुइ यादें...
रूपम दास जब हम स्कूल में पढ़ते थे। उस स्कूली दौर में निब पैन का चलन जोरों पर था। तब कैमलिन की स्याही प्रायः हर घर में मिल ही जाती थी,...
रूपम दास
Feb 62 min read
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गलत सोच
गंगाधर द्विवेदी पति अपनी पत्नी पर गुस्से में चिल्ला रहा था, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी मां को पलट कर जवाब देने की? मैं ये कभी...
गंगाधर द्विवेदी
Feb 62 min read
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सच्चे दिलदार
जितेंद्र यादव आठ साल पहले की बात है। मेरी गर्लफ्रेंड नैना ने मुझे छोड़ दिया था। मैं उस वक्त नया-नया ग्रेजुएट होकर निकला था। मुझे पता चला...
जितेंद्र यादव
Feb 53 min read
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ज़मीला
हर हर नाथ मिश्रा सर्दियों की रात थी। हरखू अपनी खाट पर लेटा खिड़की के बाहर घने कोहरे को ताक रहा था। हवा इतनी ठंडी थी कि उसके हाथ-पैर...
हर हर नाथ मिश्रा
Feb 52 min read
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नई उड़ान
नंदिता सिंह मेरी शादी हो चुकी थी, और मैं अपने पति के घर में पहली बार कदम रख रही थी। उनके कमरे में बैठी हुई, मैं जैसे किसी का इंतज़ार कर...
नंदिता सिंह
Jan 282 min read
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शराब की दुकान
रामशंकर द्विवेदी रघु एक छोटे से गांव का मेहनती किसान था। उसके पास खेती के अलावा और कोई साधन नहीं था, लेकिन मेहनत के बल पर वह अपना और...
रामशंकर द्विवेदी
Jan 262 min read
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बुढ़ापे की लाठी
जगजीवन तिवारी रामलाल जी 75 वर्ष की आयु के हो चुके थे। अब तक उनका शरीर काम कर रहा था तो वह छुटपुट बाहर के काम कर लिया करते थे पर अब उनका...
जगजीवन तिवारी
Jan 263 min read
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अजनबी का इंतजार
सरोज शुभंकर सर्दियों की ठंडी रात थी। हिमाचल के एक छोटे से गांव में बिजली गुल थी, और चारों ओर घुप अंधेरा पसरा हुआ था। रोहिणी अपने पुराने,...
सरोज शुभंकर
Jan 262 min read
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दीपक की माँ
अरविंद द्विवेदी मीटिंग के बीच में जब टेबल पर पड़ा फोन वाइब्रेट हुआ तो पुरे हाल को पता चल गया कि किसी का फोन आया है। बड़े पोस्ट पर विद्यमान...
अरविंद द्विवेदी
Jan 185 min read
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रिश्तों का सौंदर्य
अर्पित तिवारी रात का समय था। संजय और निधि अपने कमरे में बैठे, भविष्य की अनिश्चितताओं पर चर्चा कर रहे थे। निधि चिंतित स्वर में संजय से...
अर्पित तिवारी
Jan 183 min read
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आंटी नहीं 'मां'
रूपाली चौधरी रात दस बजे के क़रीब, थकी-हारी नेहा घर पहुंची तो भाभी ने रूखेपन से कहा, "दीदी, तुम्हारा खाना ढंक रखा है, चाहो तो गरम करके खा...
रूपाली चौधरी
Jan 1310 min read
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स्वयंवर
रमाकांत द्विवेदी एक राजा की बेटी की शादी होनी थी। बेटी की ये शर्त थी कि जो भी 20 तक की गिनती सुनाएगा उसको राजकुमारी अपना पति चुनेगी।...
रमाकांत द्विवेदी
Jan 132 min read
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देर रात घर लौटते हैं
रजनीश सचान वे ऐसे नहीं चलते जैसे हत्या के लिए नौकरी पर रखे गए सैनिक चलते हैं वे ऐसे नहीं चलते जैसे पहलू खान के पीछे चलते गौ-रक्षक वे...
रजनीश सचान
Jan 111 min read
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अधूरी ख्वाहिशें
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव माँ के दहेज में बोन चाइना का एक नाजुक टी सेट आया था। माँ उस टी सेट को किसी खजाने की तरह संजो कर रखती थीं,...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Jan 112 min read
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बदलाव
महेश कुमार केशरी "मयंक आ रहा है। उससे पूछो उसके लिए क्या बनाऊँ। फिश करी, हिल्सा मछली, या चिकन करी, या मटन बोलो दीदी। उसको क्या पसंद है?...
महेश कुमार केशरी
Jan 106 min read
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शेरशाह का न्याय
वृंदावनलाल वर्मा वह नहा रही थी। ऋतु न गरमी की, न सर्दी की। इसलिए अपने आँगन में निश्चिंतता के साथ नहा रही थी। छोटे से घर की छोटी सी पौर...
वृंदावनलाल वर्मा
Jan 108 min read
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यमराज का बेटा
प्रभा कांत द्विवेदी यमलोक में आज यमराज कुछ उक्ताए हुए से टहल रहे थे। वैसे तो यमलोक स्वर्गलोक का ही एक हिस्सा था, मगर स्वर्ग से बिलकुल...
प्रभा कांत द्विवेदी
Jan 711 min read
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जीत की बात
सतीश सक्सेना ओठों पर आ जाए जो उस गीत की बातें करते हैं! जो मन को छू जाये उसी संगीत की बातें करते हैं! अम्मा दादी नानी बाबा से हम चलना...
सतीश सक्सेना
Jan 71 min read
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ज़िंदगी का पाठ
आदित्य कुमार बाजपेई "माँ, आप अपनी सीखें अपने पास ही रखिए। आप पुराने ज़माने की हैं। आपको कुछ पता नहीं। मैं आदित्य के साथ और नहीं रह सकती।...
आदित्य कुमार बाजपेई
Jan 62 min read
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विवाह की बैठक
राजीव लोचन विवाह की चर्चा चल रही थी। दोनों परिवारों ने लड़का और लड़की को आपस में बात करने का मौका दिया ताकि वे एक-दूसरे को समझ सकें।...
राजीव लोचन
Jan 62 min read
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अधूरा सर्वे
रमेश चन्द्र वर्मा दरवाजे पर टिंग-टॉन्ग की आवाज गूंजती है। "बहू, देखना कौन है?" सोफे पर लेटकर...
रमेश चन्द्र वर्मा
Jan 52 min read
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छोटी बहू
अनामिका तिवारी मेरी एक सहेली है। उसका नाम मिताली है। मैं अक्सर उसके घर जाया करती। मैं देखती कि उसकी छोटी भाभी चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान...
अनामिका तिवारी
Jan 52 min read
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