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मेरा दुश्मन
कृष्ण बलदेव वैद वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी...
कृष्ण बलदेव वैद
Mar 315 min read
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प्रायश्चित
भगवतीचरण वर्मा अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो...
भगवतीचरण वर्मा
Mar 37 min read
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एक कर्ज़ ऐसा भी...
ऋतिक द्विवेदी "डॉक्टर साहब, जब आप छुट्टी पर थे, तब कोई आदमी अपनी माँ को यहाँ भर्ती कराकर चला गया और आज तक वापस नहीं आया। समस्या ये है कि...
ऋतिक द्विवेदी
Feb 202 min read
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बलवा
महेश कुमार केशरी रोज की तरह आज भी किशून ऑटो लेकर स्टैंड़ पर पहुँचा था। दोपहर होने को हो आई थी। लेकिन, अब तक बोहनी नहीं हुई थी। रह-रहकर...
महेश कुमार केशरी
Feb 203 min read
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अनजान देवता
आशीष चौहान रमाशंकर की कार जैसे ही सोसायटी के गेट में घुसी, गार्ड ने उन्हें रोक कर कहा- “साहब, यह महिला आपके नाम और पते की चिट्ठी लेकर न...
आशीष चौहान
Feb 192 min read
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धर्म और प्रेम
निधि सिंह नीतू अपनी डेस्क पर काम में व्यस्त थी, तभी एक प्यून ने आकर कहा, "नीतू जी, मालिक आपको अपने केबिन में बुला रहे हैं।" नीतू ने...
निधि सिंह
Feb 193 min read
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स्वार्थी लोग
महेश कुमार केशरी सिस्टर मरियम बच्चों को पढ़ा रही थीं -"बच्चों हमारे अलग-अलग धर्मों में जितने भी लार्ड हुए हैं। उन सबमें एक समानता रही...
महेश कुमार केशरी
Feb 132 min read
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सम्यक दृष्टि
शैलेन्द्र सिंह एक राजा था, बहुत प्रभावशाली, बुद्धि और वैभव से संपन्न। आस-पास के राजा भी समय-समय पर उससे परामर्श लिया करते थे। एक दिन...
शैलेन्द्र सिंह
Feb 133 min read
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गाढ़ा सिंदूर
आरती तिवारी मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ एक साधारण से लड़के के साथ कर दी गई थी। उसके घर में बस उसकी माँ थी, और कोई नहीं। शादी में उसे...
आरती तिवारी
Feb 132 min read
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घुलते हुए दो जिस्म
सन्दीप तोमर सीने पर जो चाँद तुम टांक गई थी, वो रफ्ता-रफ्ता बढ़ता जाता है, जैसे मेंरे तुम्हारे बीच पनप रहा एहसास हो, जो बदल जाता है पूनम...
संदीप तोमर
Feb 131 min read
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कहानी कैसे लिखूँ?
आदित्य नारायण शुक्ला ओस से लिखूँ या अश्कों से लिखूँ मैं दिल की कहानी कैसे लिखूँ...?? फूलों पे लिखूँ या हाथों पे लिखूँ होंठों की ज़बानी...
आदित्य नारायण शुक्ला
Feb 101 min read
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निःस्वार्थ बलिदान
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक छोटे से कस्बे में राघव नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह एक साधारण मजदूर था, जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी मेहनत करके...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Feb 103 min read
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आशिकी
संगीता शर्मा शाम का समय था। सूरज धीरे-धीरे पहाड़ों के पीछे छिप रहा था, और आसमान नारंगी और गुलाबी रंगों से भर चुका था। रिया अपने घर की...
संगीता शर्मा
Feb 72 min read
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बरसात की रात
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव दो-तीन दिन पहले की बात है। मैं अपनी 8 वर्षीय बेटी को स्कूल से लेने के लिए तीन बजे स्कूल के गेट पर पहुंचा। वहाँ...
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव
Feb 72 min read
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भूली हुइ यादें...
रूपम दास जब हम स्कूल में पढ़ते थे। उस स्कूली दौर में निब पैन का चलन जोरों पर था। तब कैमलिन की स्याही प्रायः हर घर में मिल ही जाती थी,...
रूपम दास
Feb 62 min read
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गलत सोच
गंगाधर द्विवेदी पति अपनी पत्नी पर गुस्से में चिल्ला रहा था, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी मां को पलट कर जवाब देने की? मैं ये कभी...
गंगाधर द्विवेदी
Feb 62 min read
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सच्चे दिलदार
जितेंद्र यादव आठ साल पहले की बात है। मेरी गर्लफ्रेंड नैना ने मुझे छोड़ दिया था। मैं उस वक्त नया-नया ग्रेजुएट होकर निकला था। मुझे पता चला...
जितेंद्र यादव
Feb 53 min read
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ज़मीला
हर हर नाथ मिश्रा सर्दियों की रात थी। हरखू अपनी खाट पर लेटा खिड़की के बाहर घने कोहरे को ताक रहा था। हवा इतनी ठंडी थी कि उसके हाथ-पैर...
हर हर नाथ मिश्रा
Feb 52 min read
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नई उड़ान
नंदिता सिंह मेरी शादी हो चुकी थी, और मैं अपने पति के घर में पहली बार कदम रख रही थी। उनके कमरे में बैठी हुई, मैं जैसे किसी का इंतज़ार कर...
नंदिता सिंह
Jan 282 min read
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शराब की दुकान
रामशंकर द्विवेदी रघु एक छोटे से गांव का मेहनती किसान था। उसके पास खेती के अलावा और कोई साधन नहीं था, लेकिन मेहनत के बल पर वह अपना और...
रामशंकर द्विवेदी
Jan 262 min read
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बुढ़ापे की लाठी
जगजीवन तिवारी रामलाल जी 75 वर्ष की आयु के हो चुके थे। अब तक उनका शरीर काम कर रहा था तो वह छुटपुट बाहर के काम कर लिया करते थे पर अब उनका...
जगजीवन तिवारी
Jan 263 min read
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अजनबी का इंतजार
सरोज शुभंकर सर्दियों की ठंडी रात थी। हिमाचल के एक छोटे से गांव में बिजली गुल थी, और चारों ओर घुप अंधेरा पसरा हुआ था। रोहिणी अपने पुराने,...
सरोज शुभंकर
Jan 262 min read
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दीपक की माँ
अरविंद द्विवेदी मीटिंग के बीच में जब टेबल पर पड़ा फोन वाइब्रेट हुआ तो पुरे हाल को पता चल गया कि किसी का फोन आया है। बड़े पोस्ट पर विद्यमान...
अरविंद द्विवेदी
Jan 185 min read
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रिश्तों का सौंदर्य
अर्पित तिवारी रात का समय था। संजय और निधि अपने कमरे में बैठे, भविष्य की अनिश्चितताओं पर चर्चा कर रहे थे। निधि चिंतित स्वर में संजय से...
अर्पित तिवारी
Jan 183 min read
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