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खोमचे वाला
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक आदमी था, जो कॉन्वेंट स्कूल में पीरियड और छुट्टी की घंटा बजाता था। टन..टन..टन..टन..टन..। एक दिन स्कूल के नए...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Oct 26, 20241 min read


सारा की छड़ी
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक लड़का अपने बूढ़े दादा के पास गया और पूछा, "दादाजी, क्या आप मुझे कोई नैतिक शिक्षा वाली कहानी सुना सकते हैं?"...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Oct 25, 20242 min read


स्वप्न
मुकेश ‘नादान’ नरेंद्र अकसर कलकत्ता में अपने घर में बैठकर सुदूर दक्षिणेश्वर में श्रीरामकृष्ण के ध्यान में निमग्न श्रीमूर्ति का दर्शन किया...
मुकेश ‘नादान’
Oct 24, 20242 min read


लोहार
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव एक बढ़ई किसी गांव में काम करने गया, लेकिन वह अपना हथौड़ा साथ ले जाना भूल गया। उसने गांव के लोहार के पास जाकर...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Oct 23, 20242 min read


आजादी
प्रेम साधना मैं तुम्हारी माँ के बंधन में और नहीं रह सकती, मुझे अलग घर चाहिए, जहाँ मैं खुल के साँस ले सकूँ। पलक रवि को देखते ही ज़ोर से...
प्रेम साधना
Oct 22, 20243 min read


मेरी माँ
आकाश बाजपेयी मेरा नाम सुमन है। मेरी शादी एक बड़े घर में हुई है। मेरे पति विनीत की फैमिली का अच्छा बिज़नेस है। विनीत एकलौते बेटे हैं।...
आकाश बाजपेयी
Oct 17, 20244 min read


असली मानवता
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव अमेरिका के एक रेस्तरां में वेट्रेस ने एक आदमी और उसकी पत्नी को लंच का मेनू दिया और मेनू देखने से पहले, उन्होंने...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Oct 17, 20243 min read


सज़ा
निरंजन धुलेकर अब बेटे के पास ढेरों ऐसे काम थे जिनका संबंध घर से तो बिल्कुल भी नही था। पढ़ाई के अलावा बहुत सारी बातें उसके लिए बेहद ज़रूरी...
निरंजन धुलेकर
Oct 16, 20242 min read


दूरी
सुनील त्रिपाठी यूं तो वह दोनों बहनें हैं और खुशकिस्मती से दोनों सगे भाइयों से ब्याही गई थी। मगर शादी के बाद घर में दोनों देवरानी-जेठानी...
सुनील त्रिपाठी
Oct 16, 20242 min read


सफल जन्म
स्नेहा सिंह "दादी मां, हर किसी के जन्म के पीछे विधाता कोई न कोई ध्येय निश्चित किए रहता है? क्या यह बात सच है?" किशोर वया विधि अपनी दादी मीना की गोद में सिर रखे हुए आकाश में तारों को देखते हुए बोली। "हां, बेटा हर आदमी के जन्म के पीछे विधाता का एक निश्चित ध्येय होता है पर अपने जन्म का ध्येय बहुत कम लोग ही पूरा करने में सफल हो पाते हैं।" विधि के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए मीना ने कहा। "ऐसा क्यों दादी मां? हर किसी का ध्येय क्यों नहीं पूरा होता? मम्मी-पापा का तो पूरा हुआ है
स्नेहा सिंह
Oct 13, 20245 min read


निश्चिन्ती
विकास यादव इनकी शुरू से एक आदत है। सोते समय या तो मेरा हाथ पकड़ लेंगे या मेरे गाल पर हाथ रख कर सोएंगे, कुछ नही तो साड़ी का पल्लू ही हाथ मे...
विकास यादव
Sep 30, 20242 min read


मुक्ति
रंजना मिश्रा सुबह लगभग चार बजे का समय था। कड़ाके की ठंड के बावज़ूद वे रोज की तरह प्रातः भ्रमण के लिए निकले थे। सुनसान सडक के किनारे-किनारे...
रंजना मिश्रा
Sep 30, 20242 min read


बूट पॉलिश
रमाकांत शुक्ला एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी जूते पॉलिश करने वाला एक लड़का आकर बोला, ‘‘साहब! बूट पॉलिश...
रमाकांत शुक्ला
Sep 30, 20242 min read


ममता
अभिलाषा कक्कड़ पंडित बृजमोहन जैसे ही नहा कर आये तो स्वयं बहुत ही को असहज सा महसूस करने लगे। पत्नी मंगला ने पूछा कि क्या हुआ तो कहने लगे...
अभिलाषा कक्कड़
Sep 17, 20247 min read


चैन से जीने दो
उर्मिला तिवारी "तुम बिन मैं कुछ नहीं, तुम्हारा साथ हर मुश्किल को पार करने के लिए काफी है। तुम हो, तो मैं हूँ, वरना कुछ भी नहीं।" पढ़ते...
उर्मिला तिवारी
Sep 17, 20244 min read


मोहन का पेपर
रमाकांत शर्मा आज फिर बेटा बिना कुछ खाए घर से जा रहा था, तो मां ने बेटे से कहा – बेटा थोड़ा खाना खाकर जा। दो दिन से तूने कुछ नहीं खाया –...
रमाकांत शर्मा
Sep 15, 20248 min read


कागज की नाव
नीरजा कृष्णा अमिता को मुंबई में नया ऑफिस ज्वाइन किए हुए साल भर होने जा रहा है पर वो नितांत अकेली है। चुपचाप आना, अपना काम करना और फिर...
नीरजा कृष्णा
Sep 13, 20242 min read


बहु भी बेटी
मनीषा सहाय करीब तीन माह पहले ही रीना नये फ्लैट में शिफ्ट हुई थी। तब से ही रोज सुबह ही बगल के फ्लैट से सुबह-सुबह आती आवाजें ... "अरे राधा...
मनीषा सहाय
Sep 10, 20242 min read


वक्त का बदला
डॉ. कृष्णा कांत श्रीवास्तव एक बार की बात है। एक बूढ़ा बाप अपने बेटे और बहू के साथ रहने के लिए उनके शहर गया। उनके अत्यंत बूढ़े हो जाने के...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Sep 10, 20242 min read

