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जीत की बात
सतीश सक्सेना ओठों पर आ जाए जो उस गीत की बातें करते हैं! जो मन को छू जाये उसी संगीत की बातें करते हैं! अम्मा दादी नानी बाबा से हम चलना...
सतीश सक्सेना
Jan 71 min read


ज़िंदगी का पाठ
आदित्य कुमार बाजपेई "माँ, आप अपनी सीखें अपने पास ही रखिए। आप पुराने ज़माने की हैं। आपको कुछ पता नहीं। मैं आदित्य के साथ और नहीं रह सकती। हमारा रिश्ता अब पहले जैसा नहीं रहा। मैं इसे यहीं खत्म करना चाहती हूँ। इसमें गलत क्या है?" नेहा ने गुस्से में कहा। अमिता ने संयम रखते हुए उत्तर दिया, "बेटा, हम तो पुराने ज़माने के लोग हैं। तुम्हारे जैसे मॉडर्न नहीं, जो आज पति से मन भर गया तो रिश्ता खत्म करने की बात करने लगें। तुम्हें एहसास हो रहा है कि आदित्य तुम्हारे टाइप का नहीं है, जबकि
आदित्य कुमार बाजपेई
Jan 62 min read


विवाह की बैठक
राजीव लोचन विवाह की चर्चा चल रही थी। दोनों परिवारों ने लड़का और लड़की को आपस में बात करने का मौका दिया ताकि वे एक-दूसरे को समझ सकें।...
राजीव लोचन
Jan 62 min read


अधूरा सर्वे
रमेश चन्द्र वर्मा दरवाजे पर टिंग-टॉन्ग की आवाज गूंजती है। "बहू, देखना कौन है?" सोफे पर लेटकर...
रमेश चन्द्र वर्मा
Jan 52 min read


छोटी बहू
अनामिका तिवारी मेरी एक सहेली है। उसका नाम मिताली है। मैं अक्सर उसके घर जाया करती। मैं देखती कि उसकी छोटी भाभी चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान लिए बस अपने काम में लगी रहती थीं। अगर कभी फुर्सत मिली तो अपने कमरे में जाकर अकेली बैठी रहती, क्योंकि उन्हें घर का कोई सदस्य पसंद नहीं करता था। वजह उनका रंग साँवला था, और वह होमसाइंस में स्नातक थी। मिताली के घर में सब डॉक्टर या इंजीनियर, या बड़ी प्राइवेट कंपनी में हायर पोस्ट पर थे। छोटी भाभी को मिताली के पापा ने गुण और संस्कार देखकर पसंद किय
अनामिका तिवारी
Jan 52 min read


क्यू आर कोड
महेश कुमार केशरी मिंटू का आठ साल का लड़का बीमारा था। दशहरे का कलश स्थापना हो चुका था। लेकिन, दुकानदारी बहुत ठप चल रही थी। वो मेले ठेले...
महेश कुमार केशरी
Jan 39 min read


संगीत प्रेमी
मुकेश ‘नादान’ नरेंद्र उन दिनों अपने पिता के घर भोजन करने के लिए केवल दो बार जाया करते थे, और दिन-रात निकट के रामतनु बसु की गली में स्थित...
मुकेश ‘नादान’
Jan 33 min read


लौटा दी खुशियां
दिलीप कुमार जैसे ही बाहर की घंटी बजी, तो नौकर ने पूजा को आकर बताया कि पडोस वाली कमला आन्टी, अभी-अभी टैक्सी से उतर कर सामान सहित बाहर खडी है। पूजा हैरान सी उसे घूरते हुए जल्दी-जल्दी बाहर आई। अभी सुबह ही तो सारे मुहल्ले ने उन्हें नम ऑखो से विदाई दी थी। वह अपने इकलौते बेटे गौरव के साथ कैनेडा जा रही थी। अपने पति की मृत्यु के बाद वह अकेली हो गयी थी। बेशक सारा मुहल्ला उन का अपना था। वह काफी मिलनसार, सुख दुख सान्झा करने वाली महिला थी। सब को उनका जाना बहुत अखर रहा था, पर सब सोच कर प
दिलीप कुमार
Jan 26 min read


माई का श्राप
संजय नायक "शिल्प" वो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर पिता गुजर गया था। गंगा नाम था उसका, जैसे ही पति गया वो ठाकुर...
संजय नायक "शिल्प"
Jan 24 min read


नई संस्कृति
राजीव जैन वह साहब सुबह उठा। नहा धो कर, नाश्ता कर आफिस के लिये तैयार होने लगा कि अचानक ही एक जूते का तस्मा कसते कसते टूट गया। इतना समय...
राजीव जैन
Dec 27, 20242 min read


भाव
श्रीमती सिन्हा विश्वास हमारी ये..गऊ-गंवई सी सीधी सादी। अभी नए-नए ब्याह के लाए हैं ना इसी से शहरी चाल-चालाकी नहीं समझती। मैं सुबह से शाम तक डयूटी पर और वो घर में निपट अकेली। ऊब जाती होगी तभी तो रोज़ मेरी स्कूटर की आवाज़ सुनकर भाग के आ जाती बाहर। कभी पल्लू कभी चुन्नी की ओट से झांकती इनकी आंखों की वो गजब चमक देखने के लिए मैं सामने के मोड़ से ही हॉर्न बजाना शुरू कर देता। पड़ोस की बिंदो ताई टोक भी चुकी इस खातिर, मगर मैं बुरा नहीं मानता। मेरे पीछे उनकी शीला बहू से बीच-बीच में बोल-बत
श्रीमती सिन्हा विश्वास
Dec 26, 20243 min read


अकेली लड़की
सूरजभान पिछले शनिवार की रात थी, करीब 11:30 बज रहे थे। मैं ऑफिस से निकला और पार्किंग से अपनी बाइक लेकर अपने घर की ओर जा रहा था। जाड़े का...
सूरजभान
Dec 25, 20243 min read


तीसरी गलती
ललिता सिंह टूर पर जाने के लिए समीरा ने सारी तैयारी कर ली थी। उसने दो बैग में सारा सामान भर लिया। बेटी को पैकिंग करते देख नीला ने पूछा, "इस बार कुछ ज्यादा सामान नहीं ले जा रही हो?" "हां मां, ज्यादा तो है," गंभीर स्वर में समीरा ने कहा। अपने जुड़वां भाई अतुल, भाभी रेखा को बाय कहकर, उदास आंखों से मां को देखती हुई समीरा निकल गई। 10 मिनट बाद ही समीरा ने नीला को फोन किया, "मां, एक पत्र लिखकर आपकी अलमारी में रख आई हूं। जब समय मिले, पढ़ लेना।" इतना कहकर उसने फोन काट दिया।
ललिता सिंह
Dec 25, 20243 min read


प्रेम पदचाप
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’ सुशीरो जापान का एक सुंदर खुशहाल गांव, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। भले लोगों की बस्ती। धान...
डॉ. जहान सिंह ‘जहान’
Dec 21, 20244 min read


अच्छाई की जीत
रमाशंकर द्विवेदी प्रबुद्ध नाम का बटेर था जो कि स्वभाव से बड़ा दयालु और परोपकारी था। वह हर एक जीव को अपने समान ही मानता है और इसलिए कभी...
रमाशंकर द्विवेदी
Dec 20, 20244 min read


द्रौपदी का कर्ज
वीरेन्द्र प्रताप अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा महल में झाड़ू लगा रही थी। तो द्रौपदी उसके समीप गई उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली,...
वीरेन्द्र प्रताप
Dec 17, 20242 min read


पहला केस
संगीता चावला जूही कोर्ट में अपना केस लड़ रही थी। जज ने कहा, "आज के लिए कोर्ट स्थगित की जाती है।" ये सुनकर जूही ने वहां मौजूद लोगों की ओर...
संगीता चावला
Dec 17, 20242 min read


मेच्योर लव स्टोरी
सरिता जायसवाल चालीस पार की एक महिला और एक पुरुष पास-पास ही रहते थे, दोनों अकेले थे। दोनों दोस्त हो गये और साथ समय बिताने लगे, एक दूसरे को पसंद करने लगे। बैंक कर्मचारी वरुण फ्लैट किराये पर लेकर अकेला रहने आया। उसकी उम्र 41 साल, कद 5 फुट 7 इंच लम्बा, गेहुंआ रंग और फिट शरीर था। वरुण के सामने वाले फ्लैट में एक महिला रहती थी, पर कभी बात नहीं हुई। वही महिला वरुण के बैंक में खाता खुलवाने आयी। आधार कार्ड से पता चला- नाम मीनाक्षी, उम्र 50, उनकी और वरुण की मातृभाषा एक है। वरुण ने मात
सरिता जायसवाल
Dec 16, 20247 min read


पुत्र की भूल
डॉ. कृष्ण कांत श्रीवास्तव एक बार पिता और पुत्र जलमार्ग से यात्रा कर रहे थे, और दोनों रास्ता भटक गये। वे दोनों एक जगह पहुँचे,...
डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव
Dec 16, 20241 min read


तोते का पिंजरा
राम शंकर कुशवाहा एक बार गुप्ता जी को अपने ही गांव के मुखिया जी के यहां दावत पर जाना था। बेचारे गुप्ता जी इसके लिए बड़े उत्साहित थे और खुश...
राम शंकर कुशवाहा
Dec 15, 20241 min read


एक कप कॉफी
सरोज रावत ग्रेजुएशन की पहली साल में ही शैली की शादी हो गई। उसका पति कुनाल और परिवार के सभी लोग बड़े प्यारे और खुले विचारों के थे। जब शैली की शादी तय हुई थी, तभी उसकी सास ने खुल के कह दिया था, “बेटा! शादी भले ही हो जाये, पर तुम अपनी पढ़ाई-लिखाई कभी मत छोड़ना। जितना चाहो उतना आगे बढ़ना।” ससुराल में पहले दिन से ही सब उससे ऐसे बर्ताव करते, जैसे वो यहां जाने कितने सालों से रह रही है। हर चीज़ में उसकी राय ली जाती और उसकी पसंद को महत्व दिया जाता। सच कहूं तो शैली का ससुराल ऐसा थ
सरोज रावत
Dec 15, 20243 min read


मित्र की मदद
मुकेश ‘नादान’ बी.ए. की परीक्षा के लिए फीस जमा करने का समय आ गया था। सबके रुपयों की व्यवस्था हो गई थी। केवल चोरबागान के गरीब मित्र हरिदास...
मुकेश ‘नादान’
Dec 14, 20243 min read


शिकायतों का कबाड़ा
सुमन रायजादा काफी देर बेल बजने के बाद अंजलि ने बड़े बेमन से जाकर दरवाजा खोला। शेखर घर में इंटर होते ही सोफे पर जाकर बैठ गए। सुबह की घटना चलचित्र की भाँति दिमाग में चलने लगी। शेखर की गलती सिर्फ इतनी थी कि अंजलि की सहेली सिखा को अपने घर आने के लिए मना कर दिया था। क्योंकि उसे लगता था कि पड़ोसियों की बातें आकर के शेयर करती हैं। जिससे अंजली सुनकर व्यथित होती है और उसके ऊपर बुरा असर पड़ रहा है। इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई थी। बात इतनी बढ़ गई थी कि अंजलि ने मायके जाने
सुमन रायजादा
Dec 14, 20242 min read


बांझ
लक्ष्मी कुमावत रचना को अब यहां घुटन हो रही थी। उस रिपोर्ट को हाथ में लिए वो सदमे में पिछले आधे घंटे से खड़ी हुई थी। उसे यकीन ही नहीं हो...
लक्ष्मी कुमावत
Dec 6, 20247 min read